CD scandal Mewaram Jain return Rajasthan Congress: बाड़मेर की राजनीति में आज एक बार फिर वो चेहरा लौटा है, जो अश्लील सीडी कांड में कभी फंसा था… और कांग्रेस से बाहर कर दिया गया था. लेकिन हाईकोर्ट में आरोप साबित नहीं होने पर अब वही मेवाराम जैन पार्टी में फिर से दाखिल हो गए हैं. तीन बार विधायक रह चुके जैन को 2023 में कांग्रेस ने अनुशासनहीनता के आरोपों पर निलंबित कर दिया था. लेकिन हाईकोर्ट के फैसले के बाद उनकी वापसी हो गई है.सवाल ये है कि क्या ये वापसी कांग्रेस के लिए मजबूरी है… या फिर राजस्थान की राजनीति में गढ़ ढहते ढहते बचा है?

कहते हैं, कोर्ट ने उन्हें क्लीनचिट दी
कभी तीन बार विधायक रहे, कभी अश्लील सीडी और गैंगरेप केस में आरोपी बने… अनुशासनहीनता के आरोपील में पार्टी से निष्कासित किए गए और अब कांग्रेस के फिर से सदस्य बन गए. मेवाराम जैन, जिन्हें पार्टी ने 2023 में बाहर का रास्ता दिखा दिया था, अब कहते हैं, कोर्ट ने उन्हें क्लीनचिट दी है. जनता सब जानती है, और कांग्रेस को मजबूत करना ही उनका मकसद है. लेकिन राजनीति में कोई वापसी इतनी आसान कहां होती है. एक तरफ मेवाराम जैन अपने लिए गहलोत से लेकर आलाकमान तक का समर्थन गिनाते हैं. दूसरी तरफ कांग्रेस के ही कई बड़े चेहरे इस वापसी से नाराज़ हैं. बाड़मेर कांग्रेस में विरोध की खलबली है. हरीश चौधरी से लेकर जिला अध्यक्ष तक दिल्ली में डेरा डाले बैठे हैं.
अब कांग्रेस को मजबूत करूंगा
मेवाराम जैन, वापसी करने वाले कांग्रेस नेता-“मैं बहुत खुश हूं… 40 साल कांग्रेस में रहा… दो साल बाहर रहा… कोर्ट ने सच दिखा दिया, जनता सब जानती है, अब कांग्रेस को मजबूत करूंगा.दो साल कठिन थे… लेकिन कोर्ट ने सच दिखा दिया. अब उन आरोपो का कोई तुक नहीं है. अब कांग्रेस को मजबूत करने की पूरी ताकत से काम करूंगा. खड़गे जी, सोनिया जी, राहुल जी, प्रियंका गांधी और गहलोत जी का आभार व्यक्त करता हूं.”
कांग्रेस खुद को खत्म करने पर तुली
इधर बीजेपी ने इस वापसी को कांग्रेस की चरित्रहीन राजनीति करार दिया. भाजपा विधायक गोपाल शर्मा ने कहा—ये दिखाता है कि कांग्रेस अपने ही पतन की पटकथा लिख रही है. “कांग्रेस ऐसे नेताओं को वापस ले रही है… जो खुद कोर्ट और समाज के कठघरे में खड़े थे. ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद को खत्म करने पर तुली है.”
मेवाराम जैन की वापसी से बदलेंगे समीकरण
जो भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर कांग्रेस का गढ़ रहा… वहां अब समीकरण बदलते दिख रहे हैं. मेवाराम जैन की वापसी से कांग्रेस के भीतर ही नए धड़े खड़े हो गए हैं. उम्मेदाराम बेनीवाल दिल्ली पहुंच चुके हैं, और विरोध की आवाज़ और तेज हो सकती है. सवाल यही है—क्या कांग्रेस के लिए मेवाराम जैन की वापसी ‘घर वापसी’ है… या फिर ‘घर में आग लगाने’ की तैयारी? क्योंकि बाड़मेर की राजनीति में ये फैसला जितना बड़ा, उतना ही विवादित भी है.