शामली में हुए एनकाउंटर पर एसी नरेंद्र प्रताप सिंह कहते हैं कि नफीस एक स्थानीय हिस्ट्रीशीटर था, जिसके खिलाफ उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दक्षिण भारत में 34 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे. वह लगभग 25 वर्षों से अपराधों में शामिल था. वह जिले में तीन मामलों में वांछित था और पहले आईएसआई के लिए काम कर चुका था, नकली नोटों का कारोबार करता था.
उस पर 1 लाख रुपये का इनाम था. धनतेरस की पूर्व संध्या पर नफीस ने पुलिस पर गोलियां चलाने के बाद भागने का प्रयास किया. पीछा करने और गोलीबारी में वह गंभीर रूप से घायल हो गया और अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई, जबकि उसका साथी भागने में सफल रहा. इस घटना से क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों पर काफी अंकुश लगने की उम्मीद है.