BAAL AADHAR: भारत में अब छोटे बच्चों के लिए भी आधार कार्ड बनवाना बेहद आसान हो गया है। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने खासतौर पर बच्चों के लिए बाल आधार कार्ड (Baal Aadhaar) की सुविधा शुरू की है। यह कार्ड नीले रंग (Blue Colour) का होता है और इसके जरिए बच्चों की पहचान और सरकारी योजनाओं तक पहुंचना बेहद आसान हो जाता है।
उम्र की कोई सीमा नहीं
बाल आधार कार्ड के लिए किसी न्यूनतम उम्र की शर्त नहीं रखी गई है। यानी, नवजात शिशु का भी आधार बन सकता है। खास बात यह है कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों का बायोमेट्रिक (फिंगरप्रिंट या आई-स्कैन) नहीं लिया जाता, बल्कि सिर्फ बच्चे की फोटो खींची जाती है। इसके बाद इसे माता-पिता के आधार कार्ड से लिंक कर दिया जाता है।
घर बैठे अपॉइंटमेंट की सुविधा
अब बच्चों का आधार बनवाने के लिए लंबी लाइन में लगने की जरूरत नहीं है। पैरेन्ट्स UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं। My Aadhaar सेक्शन में शहर और नजदीकी सेवा केंद्र चुनने के बाद मोबाइल नंबर डालना होता है। OTP से वेरिफिकेशन के बाद अपॉइंटमेंट कन्फर्म हो जाता है और अधिकारी घर आकर आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया पूरी कर करते हैं।
ये भी पढ़ें-क्या है APAAR ID? जानें, रजिस्ट्रेशन से डाउनलोड करने तक का Step-by-Step प्रोसेस
ये हैं जरूरी डॉक्टूमेंट
बाल आधार कार्ड बनवाने के लिए बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट और माता या पिता का आधार कार्ड जरूरी है। केंद्र या घर पर वेरिफिकेशन के दौरान पैरेंट्स का बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन किया जाता है और बच्चे की फोटो खींची जाती है। एनरोलमेंट पूरा होने के बाद 60 से 90 दिनों के भीतर नीले रंग का आधार कार्ड घर भेज दिया जाता है।
बायोमेट्रिक अपडेट जरूरी
बच्चे के बड़े होने के साथ उसकी पहचान भी बदलती है। इसलिए UIDAI ने नियम बनाया है कि जब बच्चा 5 साल और 15 साल का हो, तो उसके बायोमेट्रिक अपडेट कराना अनिवार्य है। ऐसा करने से आधार भविष्य में भी वैलिड बना रहता है और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में कोई दिक्कत नहीं होती। अगर समय पर अपडेट न कराया जाए, तो आधार अस्थायी रूप से डिक्टिवेट भी हो सकता है।