Purnesh Modi: गुजरात में भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी अचानक सुर्खियों में है। उनकी शिकायत पर ही राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने 22 मार्च को दो साल की सजा सुनाई। इसके एक दिन बाद शुक्रवार को कोर्ट की सजा के आधार पर लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की सांसदी भी खत्म कर दी।
मार्च 2019 में राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार की एक रैली में कहा था कि कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है? इसके बाद पूर्णेश मोदी ने राहुल के बयान को देश के सभी मोदी (पिछड़ी जाति) से जोड़कर भावनाओं का आहत करने का आरोप लगाया और उनके खिलाफ मानहानि का केस ठोंक दिया था।
कौन हैं पूर्णेश मोदी?
पूर्णेश मोदी भाजपा से विधायक हैं। उनका जन्म 22 अक्टूबर 1965 को सूरत शहर में हुआ था। सूरत को हीरों का शहर भी कहा जाता है। उनकी पत्नी का नाम बीनाबहन है। उन्होंने बीकॉम के अलावा एलएलबी की पढ़ाई की है। पेशे से वे एक वकील भी हैं। वे अपने परिवार के साथ सूरत के अदजान इलाके में रहते हैं।
गरीबी में पले बढ़े मोदी
सूरत में स्थानीय भाजपा नेताओं का कहना है कि पूर्णेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह गरीबी में पले-बढ़े। उन्होंने चाय विक्रेता के रूप में भी काम किया है।
उन्होंने सूरत की एक लॉ फर्म में अप्रेंटिंस करने से पहले कुछ समय के लिए दिहाड़ी मजदूरी भी की थी। उनकी कानून में रूचि थी। इसलिए उन्होंने कानून की पढ़ाई करने के बाद वकील बनने का सपना संजोया था। वे आज भी प्रैक्टिस करते हैं।
#WATCH | "I welcome the judgement of the court," says BJP MLA Purnesh Modi, who filed the complaint against Congress MP Rahul Gandhi over his 'Modi surname' remark. pic.twitter.com/hIGhavQCym
— ANI (@ANI) March 23, 2023
दिसंबर में तीसरी बार विधायक बने पूर्णेश
पूर्णेश पहली बार 2012 में गुजरात में 13वीं विधानसभा में उपचुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। यह सीट तत्कालीन विधायक किशोर भाई के निधन के बाद खाली हुई थी। पूर्णेश को सूरत में भाजपा के ओबीसी वर्ग के एक बड़े चेहरे के रूप में माना जाता है।
2017 के विधानसभा चुनाव में पूर्णेश ने सूरत पश्चिम विधानसभा सीट एक बार जीत हासिल की थी। 2022 दिसंबर में हुए चुनाव में पूर्णेश को तीसरी बाद जीत मिली है।
बूथ संयोजक से विधायक तक का तय किया सफर
पूर्णेश भाजपा में बूथ संयोजक, वार्ड प्रमुख (प्रमुख), सूरत नगर निगम के लिए भाजपा नगरसेवक, स्थायी समिति के अध्यक्ष और यहां तक कि 2010 में दो कार्यकालों के लिए भाजपा सूरत इकाई के प्रमुख के रूप में काम किया था। उन्होंने ग्रास रूट तक का राजनीतिक अनुभव है।
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