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क्या है लैंड फॉर जॉब घोटाला जिसमें आज कोर्ट में हुई सुनवाई? आरोप तय करने पर टला फैसला

Bihar Land For Job Case: बिहार के लैंड फॉर जॉब केस में लालू यादव परिवार के खिलाफ आरोप तय करने पर फैसला टल गया है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनवाई 8 दिसंबर तक के लिए टाल दी है और CBI को अपडेट स्टेटस रिपोर्ट सबमिट करने को कहा है.

Author Edited By : Khushbu Goyal
Updated: Dec 4, 2025 11:12
lalu prasad yadav | land for job scam | bihar
मामले में लालू प्रसाद यादव का पूरा परिवार आरोपी है.

Land for Job Case: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमीन के बदले नौकरी (लैंड फॉर जॉब) मामले में आरोप तय करने का आदेश टाल दिया है. CBI के द्वारा दर्ज केस में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, मीसा भारती, हेमा यादव और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय होने हैं, लेकिन ने केस की सुनवाई 8 दिसंबर तक के लिए टाल दी है, साथ ही CBI से आरोपियों की स्थिति की पुष्टि करने को कहा है, क्योंकि कार्यवाही के दौरान कुछ आरोपियों की मौत हो गई थी.

अपडेट स्टेटस रिपोर्ट देने का आदेश

CBI ने 103 लोगों के खिलाफ चार्जशीट सबमिट की थी, लेकिन 4 आरोपियों की मौत होने के बाद केस की अपडेट स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश कोर्ट ने CBI को दिया है. वहीं आरोप तय करने पर फैसले से पहले 6 दिसंबर को राबड़ी देवी की उस याचिका पर फैसला आ सकता है, जिसमें उन्होंने जज विशाल गगोने को केस से हटाने की मांग की थी. इन्हीं जज की कोर्ट में मामले की सुनवाई अब तक चल रही है और यही जज 8 दिसंबर को केस की सुनवाई करके फैसला दे सकते हैं.

क्या है बिहार का लैंड फॉर जॉब केस?

बता दें कि लालू प्रसाद यादव साल 2004 से 2009 तक UPA सरकार में रेल मंत्री थे. उस दौरान रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरियों के बदले लोगों ने लालू यादव के परिवार के नाम पर जमीनें की थीं और भर्तियां भी अनुचित तरीके से की गईं थीं. CBI ने कोर्ट में तर्क दिया था कि मामले में बड़े लेवल पर भ्रष्टाचार हुआ है और ज्यादातर जमीनों के लिए लेन-देन कैश में हुआ है. CBI ने मामले में धारा 120बी, 420, 468, 467, 471 और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 की धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की थी.

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यह भी पढ़ें: जमीन बेचे जाने के बाद ही रेलवे की नौकरी कैसे मिली? ED ने लालू प्रसाद यादव से पूछे ये 12 सवाल

लालू यादव को थी घोटाले की जानकारी

CBI और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में साल 2022 में यह घोटाला उजागर हुआ था. CBI की चार्जशीट में सबूत, डॉक्यूमेंट और गवाहों के बयान शामिल है. CBI का कहना है कि पूरा घोटाला लालू प्रसाद यादव की जानकारी में लाकर किया गया. वहीं ED ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया हुआ है. क्योंकि नौकरियों के बदले लोगों से या तो कम पैसे में जमीनें खरीदी गईं या दान में ली गईं. राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा भारती और लालू के अन्य करीबियों के नाम पर जमीनें की गईं.

First published on: Dec 04, 2025 10:54 AM

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