मनोज पांडे, जंगीपुर।
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर में वक्फ संशोधन कानून को वापस लेने की मांग को लेकर हो रहा प्रदर्शन मंगलवार को अचानक हिंसक हो गया। देखते ही देखते प्रदर्शनकारी हिंसा पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 12 को जाम कर दिया। इस दौरान पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी हुई और पुलिस की दो गाड़ियों में आग लगा दी गई, जिससे इलाके में तनाव फैल गया।
सुवेंदु अधिकारी ने सीएए विरोधी प्रदर्शनों से की तुलना
पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने भी इस मामले को लेकर ममता सरकार पर कड़ा हमला किया है। भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किए जाने और राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद हाल ही में पारित वक्फ (संशोधन) अधिनियम अब देश का कानून बन गया है। फिर भी एक बार फिर 2019-2020 में सीएए विरोधी प्रदर्शनों की तरह, जहां ट्रेनों पर पत्थरों से हमला किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप कई यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए थे और मुर्शिदाबाद जिले में तथाकथित प्रदर्शनकारियों ने रेलवे स्टेशन परिसरों में आग लगा दी थी। इस बार भी शांतिप्रिय समुदाय के प्रदर्शनकारियों ने मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर में सड़कों पर उतरकर पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी है।’
‘सत्ताधारी पार्टी के वोट बैंक की रक्षा के लिए मूकदर्शक बना हुआ है प्रशासन’
उन्होंने आगे लिखा, ‘बंगाल में एक बार फिर ऐसी ही हिंसक घटना सामने आई है, जहां ये असामाजिक तत्व सड़कों पर उतर आए हैं, सरकारी और सार्वजनिक संपत्तियों को जला रहे हैं और विरोध के नाम पर अराजकता फैला रहे हैं। यह असहमति नहीं है, यह विध्वंस है और पूरी तरह से असंवैधानिक है। पश्चिम बंगाल सरकार और प्रशासन कानून और व्यवस्था बनाए रखने में विफल हो रहे हैं, क्योंकि वे सत्ताधारी पार्टी के वोट बैंक की रक्षा के लिए जानबूझकर आंखें मूंद रहे हैं। मैं मुख्य सचिव और मुर्शिदाबाद के डीएम से अनुरोध करता हूं कि वे केंद्रीय बल की तैनाती के लिए माननीय राज्यपाल और गृह मंत्रालय से सहायता मांगें। क्योंकि, पुलिस स्पष्ट रूप से इस तरह की अराजकता से निपटने में असमर्थ है। यह सुनिश्चित करने का एकमात्र तरीका है कि कानून कायम रहे और सामान्य स्थिति को बाधित करने वालों को न्याय मिले।’
The recently passed Waqf (Amendment) Act is now the law of the land, after being passed by both the Houses of the Parliament and getting Presidential assent.
Yet, once again, just like during the anti-CAA protests in 2019/2020 where trains were attacked with stones, resulting in… pic.twitter.com/S8yvyHhZPM— Suvendu Adhikari (@SuvenduWB) April 8, 2025
अमित मालवीय ने ममता बनर्जी पर साधा निशाना
वहीं, इस मामले में भाजपा नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट के जरिए पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। अमित मालवीय ने एक्स पोस्ट में लिखा, ‘पश्चिम बंगाल पुलिस मुर्शिदाबाद की सड़कों पर उत्पात मचा रही हिंसक इस्लामी भीड़ पर लगाम लगाने के लिए संघर्ष कर रही है। संभवतः गृह मंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर। उनके भड़काऊ भाषणों ने वर्तमान अशांति में सीधे तौर पर योगदान दिया है।’
‘ममता बनर्जी का मुस्लिम तुष्टिकरण राज्य के लिए खतरनाक’
उन्होंने आगे लिखा, ‘तथाकथित एहतियात के तौर पर सूचना के प्रवाह को प्रतिबंधित करने के लिए क्षेत्र में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। यह वही क्षेत्र है, जिसने हाल ही में कार्तिक पूजा समारोह के दौरान हिंदुओं पर बार-बार हमले देखे थे। तनाव बढ़ने के कारण कई ट्रेनें रुकी हुई थीं। ममता बनर्जी का मुस्लिम तुष्टिकरण का रीढ़विहीन ब्रांड बंगाल को खतरनाक रूप से बांग्लादेश के रास्ते पर ले जा रहा है।’
The West Bengal Police is struggling to rein in the violent Islamist mob rampaging through the streets of Murshidabad—possibly under instructions from Home Minister Mamata Banerjee herself. Her inflammatory speeches have directly contributed to the current unrest.
As a so-called… pic.twitter.com/vKKVabeMnl
— Amit Malviya (@amitmalviya) April 8, 2025
‘ममता बनर्जी स्थिति को नियंत्रित करें या इस्तीफा दें’
उन्होंने अपने एक अन्य पोस्ट में लिखा कि ‘मुस्लिम भीड़ मुर्शिदाबाद की सड़कों पर उतर आई है और खुलेआम वक्फ अधिनियम के विरोध में संविधान की अवहेलना करने का आह्वान कर रही है। ‘मैं संविधान को स्वीकार नहीं करता और कभी नहीं करूंगा’। पश्चिम बंगाल की गृह मंत्री ममता बनर्जी को या तो जाग जाना चाहिए और स्थिति को नियंत्रित करना चाहिए या इस्तीफा दे देना चाहिए। बहुत हो गया।’
प्रदर्शनकारियों ने फूंकीं पुलिस की गाड़ियां
वक्फ बिल के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जंगीपुर में रघुनाथगंज थाना क्षेत्र के उमरपुर-बानीपुर इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 12 पर प्रदर्शनकारियों को जब पुलिस ने हटाने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारी पुलिस के साथ उलझ गए। उन्होंने पुलिस के साथ धक्का-मुक्की शुरू कर दी और देखते ही देखते उग्र भीड़ ने पुलिस की गाड़ी में तोड़फोड़ शुरू कर दी। साथ ही दो गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। दरअसल, प्रदर्शनकारी वक्फ बिल के खिलाफ अपना विरोध जता रहे थे और उनकी मांग थी कि इसे तुरंत वापस लिया जाए। जब पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारियों ने गुस्से में आकर पुलिस पर ईंटें फेंकी और सड़क को पूरी तरह से जाम कर दिया। इसके बाद उन्होंने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी।
पुलिस की गोली से घायल हुआ एक व्यक्ति
भीड़ को तीतर-बीतर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस छोड़ना पड़ा। वहीं, आरोप लगाया जा रहा है कि पुलिस ने गोलियां भी चलाई है। पुलिस के द्वारा चलाई गई गोली में एक व्यक्ति के घायल होने की जानकारी मिली है। पूरी घटना को लेकर इलाके में काफी तनाव का माहौल है। परिस्थिति को काबू करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए हैं।