---विज्ञापन---

देश

Waqf Act पर नया मोड़, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से राय लेने की मंशा की जाहिर

देश की अदालत में आज एक ऐसा मामला पहुंचा है, जो करोड़ों लोगों की जमीन और आस्था से जुड़ा है। वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में बड़ी बहस शुरू हो गई है। यह फैसला तय करेगा कि यह कानून संविधान के मुताबिक है या नहीं और इसका असर बहुत बड़ा हो सकता है।

Author Reported By : Prabhakar Kr Mishra Edited By : Ashutosh Ojha Updated: Apr 16, 2025 15:56
Supreme Court

देश में वक्फ संपत्तियों को लेकर चल रहे विवाद अब सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे तक पहुंच चुके हैं। आज इस अहम मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों वाली बेंच कर रही है। यह सिर्फ एक कानूनी मामला नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की जमीन, आस्था और अधिकारों से जुड़ा सवाल बन गया है। इस केस में बड़े-बड़े वकील शामिल हैं, जो बता रहे हैं कि वक्फ कानून संविधान के मुताबिक है या नहीं। यह सुनवाई आने वाले समय में देश के कई राज्यों में चल रहे वक्फ विवादों की दिशा तय कर सकती है, इसलिए इस पर सबकी नजर है।

सुप्रीम कोर्ट में वक्फ मामले की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में वक्फ से जुड़ी एक महत्वपूर्ण याचिका पर सुनवाई आज हो रही है। इस मामले में कोर्ट ने वकीलों से सवाल पूछा कि सबसे पहले कौन अपनी दलील रखेगा। साथ ही दो प्रमुख मुद्दों पर दलीलें सुनने का भी निर्देश दिया। पहले मुद्दे में यह पूछा गया कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट को सुनना चाहिए या इसे हाईकोर्ट को भेज दिया जाए। दूसरे मुद्दे में वकीलों से यह सवाल किया गया कि वे किस बात पर बहस करना चाहते हैं। सुनवाई में नामी वकील कपिल सिब्बल ने सबसे पहले अपनी दलील पेश की। उनके साथ अभिषेक सिंघवी, राजीव धवन, निजाम पाशा, राकेश द्विवेदी और सी यू सिंह जैसे वकील भी कानून के खिलाफ अपनी दलीलें रखेंगे। कपिल सिब्बल ने सेंट्रल वक्फ काउंसिल में अन्य धर्मों के सदस्य होने के खिलाफ दलील दी, यह कहते हुए कि यह संविधान के अनुच्छेद 26 का उल्लंघन है, जो धार्मिक मामलों के प्रबंधन की स्वतंत्रता देता है।

---विज्ञापन---

कपिल सिब्बल की दलीलें और आपत्तियां

सिब्बल ने नए कानून के प्रावधानों पर भी अपनी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि नए कानून में यह कहा गया है कि संरक्षित स्मारकों को वक्फ घोषित किया जाना अवैध होगा, जिसे वे गलत मानते हैं। इस पर CJI जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि अगर यह प्राचीन स्मारक घोषित होने से पहले वक्फ घोषित किया गया है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि यह वक्फ ही रहेगा। इसके बाद कपिल सिब्बल ने यह भी कहा कि वक्फ काउंसिल और बोर्ड में गैर-मुसलमानों को शामिल किए जाने पर भी आपत्ति जताई क्योंकि अब तक ये केवल मुस्लिम समुदाय के लोग ही रहे हैं। उनका कहना था कि यह नया कानून 200 मिलियन लोगों के खिलाफ है और इसके कारण धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रश्न उठते हैं।

अभिषेक सिंघवी और अन्य वकीलों की दलीलें

सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर वकीलों से जवाब मांगा और मामले को सुनने के लिए संभावित तरीके पर विचार किया। जस्टिस संजीव खन्ना ने सुनवाई के दौरान बताया कि जब वे दिल्ली हाईकोर्ट में थे, तो वहां भी वक्फ की प्रॉपर्टी पर विचार किया गया था। इस पर अभिषेक मनु सिंघवी ने भी अपनी दलील दी और वक्फ बाई यूजर के प्रावधान को खत्म करने पर सवाल उठाया। उनका कहना था कि देश की 8 लाख वक्फ संपत्तियों में से 4 लाख संपत्तियां केवल इस्तेमाल के आधार पर वक्फ बनी हैं और इस बदलाव से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होंगे। वहीं चीफ जस्टिस ने इस संबंध में कहा कि उन्हें किसी तरह से यह नहीं कहना था कि वक्फ बाई यूजर के तहत संपत्तियां गलत तरीके से रजिस्टर्ड की गई हैं।

---विज्ञापन---

सुप्रीम कोर्ट के विचार और सॉलिसिटर जनरल की दलील

सुप्रीम कोर्ट के जजों ने वक्फ के इस मुद्दे पर अलग-अलग पहलुओं पर विचार किया। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि धर्म, विशेष रूप से दान, इस्लाम का एक अभिन्न हिस्सा है और उन्होंने सिब्बल की दलील को माना। इस बीच सॉलिसिटर जनरल ने अपना पक्ष रखा और कहा कि यह नया कानून विस्तृत चर्चा और संसदीय बहस के बाद पारित हुआ है और यह कानून सभी धर्मों के अनुयायियों की आस्थाओं को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। इस पर जस्टिस खन्ना ने टिप्पणी करते हुए कहा कि वे इस मामले को हाईकोर्ट में भी भेज सकते हैं ताकि वहां से एक जजमेंट मिल सके, जो इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में मदद कर सके। इस मामले में आगे की सुनवाई जारी है और इससे संबंधित कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर कोर्ट विचार कर रहा है।

HISTORY

Edited By

Ashutosh Ojha

Reported By

Prabhakar Kr Mishra

First published on: Apr 16, 2025 02:42 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें