Waqf Bill Tabled In Lok Sabha : भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया। इसने सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का नया दौर शुरू कर दिया है। भाजपा की सहयोगी पार्टी जदयू के नेता ललन सिंह ने यह कहते हुए सरकार का समर्थन किया कि यह विधेयक मुस्लिम विरोधी नहीं है। वहीं, कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि इस विधेयक में जो बदलाव करने की बात कही जा रही है वह विभाजनकारी राजनीति से प्रेरित है। आइए जानते हैं कि इस विधेयक को लेकर लोकसभा में किस नेता ने क्या कहा।
1. ‘जिन्हें कभी अधिकार नहीं मिले उन्हें अधिकार देगा’
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक उन लोगों को अधिकार देने के लिए लाया गया है जिन्हें उनके अधिकार कभी नहीं मिले। इस विधेयक को पर्याप्त विचार-विमर्श के बाद लाया गया है और यह किसी भी धर्म की आजादी के साथ छेड़छाड़ नहीं करता है। रिजिजू ने कहा कि नए विधेयक के तहत वक्फ बोर्ड्स और केंद्रीय काउंसिल में अब महिला सदस्य भी होंगी। मौजूदा नियमों के तहत कई बच्चे अपने परिवार की संपत्तियों पर दावा नहीं कर पाते क्योंकि उनती जमीनों को वक्फ की जमीन घोषित कर दिया जाता है। नए बिल में इस तरह के मुद्दों को संबोधित किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ सांसदों ने निजी तौर पर बिल को अपना अप्रूवल दिया है।
#WATCH | Union Minister of Minority Affairs Kiren Rijiju moves Waqf (Amendment) Bill, 2024 in Lok Sabha pic.twitter.com/g65rf2tDow
— ANI (@ANI) August 8, 2024
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2. ‘धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला करना चाहती है सरकार’
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह प्रस्तावित कानून धार्मिक स्वतंत्रता और संघीय व्यवस्था पर सीधा हमला है। उन्होंने वक्फ बोर्ड में गैर मुसलमानों को नियुक्त करने के प्रावधान का भी विरोध किया। वेणुगोपाल ने कहा कि हिंदुओं के तौर पर हम अन्य धर्मों का सम्मान करते हैं लेकिन यह विधेयक संविधान पर हमला है। इस विधेयक के जरिए केंद्र सरकार धार्मिक आजादी पर हमला करना चाहती है। उन्होंने कहा कि इस देश के लोग इस तरह की विभाजनकारी राजनीति स्वीकार नहीं करेंगे।
KC Venugopal, Congress MP:
“You are removing the ‘WAQF by use’ clause through this amendment.
~ There will be DISPUTE on each & every mosque which has a No Land deal record.”Govt will most likely scrutinize all mosques grabbed arbitrarily. More cases like Ayodhya & Gyanvapi! pic.twitter.com/9EhG2GAWPK
— The Analyzer (News Updates🗞️) (@Indian_Analyzer) August 8, 2024
3. वक्फ बोर्ड में गैर मुसलमानों की नियुक्ति किसलिए?
समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया और सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि यह विधेयक भाजपा के कट्टर समर्थकों को खुश करने के लिए पेश किया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि वक्फ बोर्ड्स में गैर मुसलमानों को नियुक्त करने का आखिर क्या मतलब है? अन्य धार्मिक संस्थाओं में ऐसा नहीं किया जाता। सपा के सांसद मोहिबुल्लाह ने कहा कि यह मुसलमानों के साथ अन्याय है। इस विधेयक को लाकर हम बड़ी गलती कर रहे हैं। इस विधेयक की वजह से हमें कई सदियों तक प्रताड़ना सहनी होगी। यह धर्म के साथ दखलअंदाजी करना है।
लोकसभा में वक्फ बोर्ड पर अखिलेश यादव जी!!
— Akhilesh Yadav ᵖᵃʳᵒᵈʸ (@ydvakhileshpda) August 8, 2024
4. ‘यह विधेयक सबूत है कि आप मुस्लिमों के दुश्मन हैं’
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस विधेयक का विरोध किया। ओवैसी ने विधेयक को भेदभावपूर्ण, मनमाना और मुसलमान विरोधी करार दिया। उन्होंने कहा कि इस विधेयक को लाकर केंद्र सरकार देश को एकजुट करने की जगह देश को बांटने का काम कर रही है। ओवैसी ने आरोप लगाया कि यह इस फैक्ट का सबूत है कि आप (केंद्र सरकार) मुसलमानों के दुश्मन हैं।
AIMIM MP Asaduddin Owaisi says, “This bill violates the principles of Articles 14, 15 and 25 of the Constitution. This bill is both discriminatory and arbitrary…By bringing this bill, you (the Central govt) are doing the work of dividing the nation not uniting it. This bill is… pic.twitter.com/TebP6BhIoC
— sansadflix (@sansadflix) August 8, 2024
5. 1984 के दंगों में हजारों सिखों की हत्या किसने की?
जदयू के सांसद और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने कहा कि यह प्रस्तावित कानून पारदर्शिता लाने के लिए पेश किया गया है। उन्होंने विपक्ष के इस आरोप का विरोध किया कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों के खिलाफ है और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों का जिक्र किया। उन्होंने सवाल उठाया कि तब हजारों सिखों की हत्या किसने की थी? वहीं, डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा कि प्रस्तावित कानून संविधान के आर्टिकल 30 का सीधा-सीधा उल्लंधन है। यह आर्टिकल अल्पसंख्यकों को उनके संस्थानों को संचालित करने के मामलों से जुड़ा हुआ है। कनिमोझी ने कहा कि यह विधेयक एक खास धार्मिक समुदाय को टारगेट करता है।
Don’t miss this fiery reply to KC Venugopal by Union Minister Lalan Singh ji👇🏻👇🏻
CONgis talking about minority rights?
Where did this love go when thousands of Sikhs were k!lled when a big tree fell? 🤨#WaqfBoardAmendmentBill pic.twitter.com/bE7vcOpFRz
— PallaviCT (@pallavict) August 8, 2024