लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक बुधवार को बहुमत से पारित हो गया। इस विधेयक के समर्थन में 288 वोट पड़े, जबकि 232 सांसदों ने इसके खिलाफ मतदान किया। करीब 12 घंटे तक चली तीखी बहस के बाद रात 2 बजे विधेयक को मंजूरी मिली, जिसमें एनडीए सरकार का संख्याबल निर्णायक साबित हुआ। विपक्षी दलों ने इस विधेयक को अल्पसंख्यकों के अधिकारों के खिलाफ बताया, जबकि सरकार ने इसे पारदर्शिता और निष्पक्ष प्रबंधन के लिए जरूरी कदम करार दिया। हालांकि, इस विधेयक पर वोटिंग के दौरान भाजपा के दो सांसद अनुपस्थित रहे।
पार्टी ने भेजा नोटिस
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने सभी लोकसभा सांसदों को व्हिप जारी कर 2 अप्रैल 2025 को संसद में उपस्थित रहने को कहा था। लेकिन व्हिप जारी करने के बावजदू केंद्रीय मंत्री जुएल ओरम और सांसद अपराजिता सारंगी वोटिंग के समय लोकसभा में मौजूद नहीं थे। बीजेपी ने दोनों सांसद से वक्फ संशोधन विधेयक पर मतदान में अनुपस्थित रहने के कारण नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। इनके अलावा तेलुगु देशम पार्टी (TDP) का एक सांसद भी वोटिंग के समय संसद में मौजूद नहीं था। इस घटना ने पार्टी के अनुशासन और एकजुटता को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। खासकर ऐसे समय में जब व्हिप जारी किया गया था और सभी सांसदों से मतदान में भाग लेने को कहा गया था।
पार्टी ने दिखाई सख्ती, मांगा जवाब
बता दें कि व्हिप पार्टी की ओर से एक आदेश होता है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि पार्टी के सभी सदस्य एकजुट होकर मतदान में भाग लें। जब कोई सांसद व्हिप के बावजूद वोटिंग के समय उपस्थित नहीं होता, तो इसे पार्टी के अनुशासन के उल्लंघन के रूप में देखा जाता है। बीजेपी के आलाकमान ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए दोनों सांसदों से जवाब मांगा है कि उन्होंने मतदान में क्यों हिस्सा नहीं लिया और क्या उनके गैरहाजिर रहने के पीछे कोई विशेष कारण था?
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कौन हैं अपराजिता सांरगी?
सांसद अपराजिता सारंगी लोकसभा में ओडिशा के भुवनेश्वर का प्रतिनिधित्व करती हैं। अपराजिता सारंगी 1994 बैच की ओडिशा कैडर की पूर्व IAS अधिकारी हैं। सारंगी ने अपनी नौकरी छोड़ दी थी और 2019 के भारतीय लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए 27 नवंबर 2018 को भाजपा में शामिल हो गई थीं। सारंगी को 2012 में शक्ति सम्मान से सम्मानित किया गया था। उन्होंने आईएएस अधिकारी के रूप में आखिरी बार ग्रामीण विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में काम किया था और उन्होंने भुवनेश्वर नगर आयुक्त और राज्य के जन शिक्षा विभाग के सचिव के रूप में भी काम किया है। उनके पति संतोष सारंगी भी 1994 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। अपराजिता सांरगी मूल रूप से बिहार के मुजफ्परपुर की रहने वाली हैं। अपराजिता का जन्म 8 अक्टूबर 1969 को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में अजीत मिश्रा और कुसुम मिश्रा के घर हुआ था। उनके पिता अजीत अंग्रेजी के प्रोफेसर थे।
कौन हैं जुएल ओराम?
केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम भी ओडिशा से सांसद हैं। जुएल ओराम भारत की 17वीं लोकसभा के सदस्य हैं। वे ओडिशा के सुंदरगढ़ निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं। वे 12वीं, 13वीं, 14वीं और 16वीं लोकसभा के भी सदस्य रहे हैं। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट मंत्रियों में शामिल किया गया है। जुएल ओराम केंद्र में जनजातीय मामलों के मंत्री हैं। ओराम भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष हैं और ओडिशा राज्य से पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। जोएल ओराम ओडिशा राज्य में भाजपा के दो संस्थापक विधान सभा सदस्यों में से एक हैं। उन्होंने 4 साल से अधिक समय तक ओडिशा राज्य में भाजपा के अध्यक्ष के रूप में काम किया है। उन्होंने ओडिशा विधानसभा में भाजपा की ओर से विपक्षी दल के नेता के रूप में भी काम किया है।