Vice Presidential Elections: 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं। इसमें भाग लेने के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने सीपी राधाकृष्णन पर दांव खेला है। वहीं विपक्ष ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। 17 अगस्त को बीजेपी की संसदीय बोर्ड में राधाकृष्णन प्रत्याशी घोषित किया है। इस बार एनडीए ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को उपराष्ट्रपति चुनाव का जिम्मा सौंपा है, वहीं केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू को चुनाव एजेंट बनाया है। एनडीए के पास साफ बहुमत है, इसके बाद भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन से समर्थन मांगा है। यह राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
उपराष्ट्रपति पद के लिए क्या कहता है नंबर गेम?
वर्तमान में लोकसभा में 542 और राज्यसभा में 240 सांसद हैं। यानि कुल 782 संसद सदस्य हैं। उपराष्ट्रपति पद के लिए 392 मतों की आवश्यकता होगी। एनडीए के पास 427 सदस्यों का सीधा समर्थन प्राप्त है। इसमें लोकसभा के 293 और राज्या के 134 सदस्य हैं। वहीं विपक्ष की बात की जाए तो लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर 355 सांसद हैं। हालांकि अभी तक 133 सांसद को किसी भी पक्ष में नहीं देखा जा रहा है।
यह भी पढ़ें: कैसे होता है उपराष्ट्रपति का चुनाव, क्या है प्रक्रिया? ये योग्यताएं होनी हैं जरूरी
5वीं बार निर्विरोध के लिए राजनाथ का प्रयास?
देश में अब तक 16 बार उपराष्ट्रपति के चुनाव हो चुके हैं। इसमें से महज 4 बार ही उपराष्ट्रपति का चुनाव निर्विरोध हुआ है। साल 1952 से 1962 तक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन दो बार उपराष्ट्रपति के निर्विरोध विजेता हुए थे। इसके बाद 1952 में भी आंध्र प्रदेश के जनाब शेख खादिर हुसैन के नामांकन वापस लेने पर राधाकृष्णन अकेले प्रत्याशी रह गए थे।
इसके बाद साल 1979 में भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश मोहम्मद हिदायतुल्लाह निर्विरोध उपराष्ट्रपति चुने गए। हो सकता है कि बीजेपी 5वीं बार उपराष्ट्रपति को निर्विरोध चुनना चाह रही है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात के बाद यह कयास और तेज हो गए हैं।
यह भी पढ़ें: CP राधाकृष्णन को क्यों कहा जाता है तमिलनाडु का मोदी? RSS से की थी शुरुआत