Vice President Oath Ceremony: सीपी राधाकृष्णन ने ली उपराष्ट्रपति पद की शपथ. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने दिलवाई ओथ. महाराष्ट्र के राज्यपाल से बने भारत के 15वें राष्ट्रपति. शपथ समारोह में पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी शामिल हुए हैं. अमित शाह और पीएम मोदी भी रहे मौजूद। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा समेत कई मंत्रियों ने की समारोह में शिरकत. 2024 में महाराष्ट्र के राज्यपाल के तौर पर काम किया है. राधाकृष्णन को कुल 452 वोट मिले थे.
#WATCH | Delhi: Vice President-elect C.P. Radhakrishnan to take Oath of Office shortly. Former Vice President Jagdeep Dhankhar is also present at the ceremony which will begin shortly.
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नेताओं-मंत्रियों ने की शिरकत
उपराष्ट्रपति पद के शपथ समारोह में देश के कई बड़े नेताओं और मंत्रियों ने शिरकत की. पीएम मोदी और केंद्रिय मंत्रियों अमित शाह, जेपी नड्डा, नितिन गड़करी, हरदीप पुरी समेत धर्मेंद्र प्रधान भी शामिल हुए। पूर्व उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मौजूदगी सबसे खास रही. हालांकि, उनके साथ-साथ वैंकेया नायडू और मोहम्मदद हामिद अंसारी भी आयोजन में रहे.
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राज्यपाल के तौर पर दे चुके हैं सेवाएं
67 वर्षीय सीपी राधाकृष्णन राज्यपाल के तौर पर भी सेवाएं दे चुके हैं. वे झारखंड के राज्यपाल रह चुके हैं, वहां वे 18 फरवरी 2023 से 30 जुलाई 2024 कार्यरत थे. इसके अलावा, तेलंगाना में अतिरिक्त राज्यपाल के तौर पर 20 मार्च 2024 से 30 जुलाई 2024 के बीच काम कर चुके हैं. 22 मार्च 2024 से 6 अगस्त 2024 के बीच पुडुचेरी में उपराज्याल रहे और महाराष्ट्र में 31 जुलाई 2024 से 11 सितंबर 2025 तक राज्यपाल रहे.
#WATCH | C.P. Radhakrishnan takes oath as the 15th Vice President of India. President Droupadi Murmu administers the Oath of Office to him.
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पूर्व जस्टिस को इतने वोटों से हराया
NDA उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के सामने इंडिया गठबंधन से पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी थे. राधाकृष्णन को कुल 452 वोट मिले थे और बी सुदर्शन को 300. इससे साफ दिखाई पड़ रहा था कि नतीजे किस ओर झुके हैं. राधाकृष्णन तमिलनाडु में सीनियर बीजेपी नेता रह चुके हैं. बता दे कि 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों के चलते उपराष्ट्रपति इस्तीफा दे दिया था.
क्या हैं इनकी जिम्मेदारियां?
उपराष्ट्रपति राज्यसभा की बैठकों की अध्यक्षता करेंगे। सदन में अनुशासन बनाए रखना और बहस को नियंत्रित करना और मतदान की प्रक्रिया का संचालन करने जैसे काम करने होते हैं. राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में कार्यभार को संभालना. उपराष्ट्रपति विभिन्न राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके अलावा, मौजूदा सरकार और संसद से जुड़े कई औपचारिक अवसरों पर उपस्थित होते हैं.
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