नई दिल्ली: हिंदू संगठन विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को नई दिल्ली में यूके दूतावास के बाहर लीसेस्टर, बर्मिंघम और स्मेथविक में भारतीयों के खिलाफ हो रहे हमलों के विरोध में प्रदर्शन किया। संगठन ने यूके सरकार से इस मामले को तुरंत देखने और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का भी आग्रह किया। विहिप नेताओं ने इस दौरान ब्रिटेन के दूतावास में काम कर रहे अधिकारियों से मिलने की भी मांग उठाई।
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विहिप प्रमुख आलोक कुमार ने विरोध के दौरान कहा, “ब्रिटेन में एक सांसद ने सरकार को लिखा कि कोई हिंदू समारोह नहीं होगा। उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी। विश्व शांति के लिए, ब्रिटेन को इस्लामिक आतंकवादियों की ओर झुकाव बंद करना चाहिए।” इससे पहले बुधवार को, विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने लीसेस्टर और बर्मिंघम में हिंदुओं के खिलाफ जारी हिंसा के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने की आवश्यकता पर जोर दिया था।
विहिप ने ब्रिटिश प्रधान मंत्री लिज़ ट्रस को लिखे पत्र में कहा था कि वे लीसेस्टर में चल रही हिंसा से चिंतित हैं जिसमें बड़ी संख्या में हिंदुओं को निशाना बनाया गया है। इस पत्र में लिखा गया कि “विश्व हिंदू परिषद (विश्व हिंदू परिषद) लीसेस्टर में चल रही हिंसा पर गहराई से चिंतित जिसमें बड़ी संख्या में लीसेस्टर के हिंदुओं, उनके पूजा स्थलों और उनके सांस्कृतिक और धार्मिक प्रतीकों को इस्लामिक चरमपंथियों द्वारा लक्षित और क्षतिग्रस्त किया गया है।”
पत्र में कहा गया था, “ये हिंसक, घृणित और चरमपंथी कृत्य पूरी तरह से एकतरफा हैं। लेकिन अफवाह फैलाई जा रही है कि हिंसा की शुरुआत क्षेत्र में निवास कर रहे हिंदुओं ने की। उन्होंने इसे भड़काया और वही इसके लिए जिम्मेदार हैं।”
समूह ने कहा था, “हिंसा में कई हिंदुओं के घर और संपत्ति क्षतिग्रस्त हो गई है। प्रभावित इलाके में रहने वाले कई हिंदुओं ने अपने बच्चों को कई दिनों से स्कूल नहीं भेजा है।”
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बता दें कि भारत द्वारा 28 अगस्त को पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप टी20 मैच जीतने के बाद हिंसा का सिलसिला शुरू हो गया था। पुलिस के बयान के अनुसार, लीसेस्टरशायर में युवकों के समूहों के बीच झड़प हो गई। इस मामले में अब तक कम से कम 15 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग ने सोमवार को लीसेस्टर में भारतीय समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा की निंदा की और हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। उच्चायोग ने एक बयान जारी कर कहा था कि उसने इस मामले को ब्रिटेन के अधिकारियों के समक्ष उठाया है। बयान में कहा गया, “हम लीसेस्टर में भारतीय समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा और हिंदू धर्म के प्रतीकों और परिसरों की तोड़फोड़ की कड़ी निंदा करते हैं। हमने ब्रिटेन के अधिकारियों के साथ इस मामले को दृढ़ता से उठाया है और इन हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है। हम अधिकारियों से प्रभावित लोगों को सुरक्षा प्रदान करने की मांग करते हैं।”
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