नई दिल्ली: न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) पद की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। खबरों के मुताबिक वर्तमान सीजेआई, एनवी रमना ने गुरुवार को औपचारिक रूप से केंद्रीय कानून मंत्री को उनके नाम की सिफारिश की।
बता दें कि जस्टिस रमना 26 अगस्त को सेवानिवृत्त होने वाले हैं, जिसके बाद जस्टिस यूयू ललित 49वें CJI बनेंगे। हालांकि ललित 8 नवंबर को 65 वर्ष की आयु पार कर लेंगे। ऐसे में उनका कार्यकाल सिर्फ 74 दिन का ही रहेगा। उनके बाद, दूसरे नंबर पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ हैं।
जस्टिस रमना, जिन्होंने पिछले साल अप्रैल में एसए बोबडे से पदभार संभाला था, का कार्यकाल 16 महीने से अधिक का था। अब तक का सबसे छोटा कार्यकाल जस्टिस केएन सिंह का रहना है, जिन्होंने 1991 में सिर्फ 17 दिनों के लिए अपनी सेवाएं दी थीं।
न्यायमूर्ति ललित, CJI के रूप में, न्यायाधीशों के कॉलेजियम का नेतृत्व करेंगे जो न्यायपालिका के अन्य मामलों और नियुक्तियों पर निर्णय लेते हैं। 13 अगस्त 2014 को सुप्रीम कोर्ट में जज बनने से पहले यूयू ललित कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता थे। उनके पिता, यूआर ललित भी एक वकील थे, जो बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीश बने।
1983 में एक वकील के रूप में शुरुआत करते हुए, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपनी प्रोफ़ाइल के अनुसार, 1985 के अंत तक बॉम्बे हाई कोर्ट में वकालत की। उन्होंने जनवरी 1986 में अपनी प्रैक्टिस दिल्ली में स्थानांतरित कर दी और अप्रैल 2004 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया गया। वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति के सदस्य भी थे।
आज उनके नाम की सिफारिश मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर (MoP) के अनुसार है, जो उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है।