Uttarakhand Tunnel Rescue Operation Latest Update: उत्तरकाशी की टनल में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीमें जद्दोजहद में जुटी है। इस बीच गुरुवार सुबह खुदाई कर रही ऑगर मशीन में खराबी आ गई। फिलहाल बचाव कार्य रुक गया है। वहीं खराब मशीन को ठीक करने के लिए दिल्ली एक्सपर्ट बुलाए गए हैं। जानकारी के अनुसार अभी तक 12 मीटर की ड्रिलिंग शेष है। अभी 6-6 मीटर के 2 पाइप डाले जाने बाकी है।
सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूर आज बाहर आ सकते हैं। सभी 41 मजदूर 12 नवंबर को दीवाली के दिन सुबह 4 बजे से टनल के अंदर फंसे हुए हैं। टनल के प्रवेश द्वार से ऑगर मशीन जल्द ही 60 मीटर तक ड्रिल कर देगी। वहीं टनल के अंदर 800 मिमी. का पाइप डाला जा रहा है। जानकारी के अनुसार 12 मीटर की ड्रिलिंग बची थी। इस बीच सरियों के आने से रेस्क्यू ऑपरेशन को रोका गया था, लेकिन इसके बाद सरियों को काटा गया। फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन आखिरी चरण में है।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Former advisor to the Prime Minister's Office, Bhaskar Khulbe reaches the Silkyara tunnel site where the rescue operation is underway to bring out the trapped workers. pic.twitter.com/dFIMYbwRbM
— ANI (@ANI) November 23, 2023
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ड्रिलिंग पूरी होने के बाद एनडीआरएफ की टीम ऑक्सीजन सिलेंडर, गैस कटर के साथ 800 MM के पाइप से अंदर जाएंगे और एक-एक कर सभी मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा। जानकारी के अनुसार एनडीआरएफ की टीम मजदूरों को बाहर के तापमान और अंदर के तापमान का अंतर बताएगी इसलिए मजदूरों को तुरंत बाहर नहीं लाया जाएगा।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Girish Singh Rawat, one of the members of the rescue operation team says, " Rescue operation is almost in the last stage, I hope the result will come in 1-2 hours…pipeline is being inserted to take out the workers…the steel… pic.twitter.com/Wp9EL5yZ5n
— ANI (@ANI) November 22, 2023
चिल्यानीसौड़ में 41 बेड का हाॅस्पिटल तैयार
मजदूरों को अगर कमजोरी महसूस होती है तो उन्हें पाइपलाइन में स्केट्स लगी अस्थायी ट्रॉली के जरिए खींचकर बाहर निकाला जाएगा। इसके लिए 41 एंबुलेंस टनल के बाहर तैनात की गईं है। तबीयत खराब होने की स्थिति में सभी मजदूरों को चिल्यानीसौड़ सामुदायिक केंद्र लाया जा सकता है। यहां 41 बेड का हाॅस्पिटल तैयार किया गया हैं चिल्यानीसौड़ पहुंचने में करीब 1 घंटा लगेगा जिसके लिए ग्रीन काॅरिडोर बनाया गया है। मजदूरों की तबीयत ज्यादा खराब होने की स्थिति में उन्हें ऋषिकेश एम्स लाया जा सकता है।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Girish Singh Rawat, one of the members of the rescue operation team says, " Rescue operation is almost in the last stage, I hope the result will come in 1-2 hours…pipeline is being inserted to take out the workers…the steel… pic.twitter.com/Wp9EL5yZ5n
— ANI (@ANI) November 22, 2023
29 टनल का सेफ्टी ऑडिट करा रही सरकार
इस हादसे से सबक लेते हुए सड़क एवं परिवहन मंत्रालय पूरे देश में बन रही 29 टनल का सेफ्टी ऑडिट कराने का फैसला किया है। इसके लिए कोंकण रेलवे काॅर्पोरेशन लिमिटेड के साथ करार किया गया है। NHAI और दिल्ली मेट्रो के एक्सपर्ट सभी टनल की जांच करेंगे 7 दिन में रिपोर्ट तैयार करेंगे। बता दें कि अभी हिमाचल प्रदेश में 12, जम्मू-कश्मीर में 6, ओडिशा, राजस्थान और महाराष्ट्र में 2-2 और एमपी, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, उत्तराखंड और दिल्ली में एक-एक टनल बनाई जा रही है।