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ओड़िशा के गठन की रोमांचक कहानी, उत्कल दिवस क्यों है लोगों के लिए खास?

1 अप्रैल ओडिशा के लोगों के लिए सिर्फ एक तारीख नहीं बल्कि गर्व और संघर्ष की पहचान है। 1936 में इस दिन ओडिशा एक अलग राज्य बना और ओड़िया भाषा को नई पहचान मिली। सालों के संघर्ष और आंदोलन के बाद यह सपना साकार हुआ। उत्कल दिवस पर ओडिशा अपनी समृद्ध संस्कृति और गौरवशाली इतिहास का जश्न मनाता है।

Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: Mar 31, 2025 13:59
Utkala Dibasa
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1 अप्रैल ओडिशा के लोगों के लिए बहुत खास दिन है। यह सिर्फ एक तारीख नहीं बल्कि गर्व और खुशी का दिन है। 1936 में इसी दिन ओडिशा एक अलग राज्य बना और ओड़िया भाषा को उसकी पहचान मिली। यह सब आसान नहीं था इसके लिए लोगों ने सालों तक मेहनत और संघर्ष किया। मधुसूदन दास और उत्कल सम्मिलनी जैसे संगठनों ने बड़ा योगदान दिया। आज उत्कल दिवस के मौके पर ओडिशा अपनी संस्कृति, परंपरा और इतिहास का जश्न मनाता है। यह दिन हर ओड़िया के दिल में बसता है और उनकी एकता और पहचान को मजबूत करता है।

ओडिशा की स्थापना और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

ओडिशा, जिसे पहले उड़ीसा कहा जाता था 1 अप्रैल 1936 को एक अलग राज्य बना। इससे पहले यह बिहार और उड़ीसा प्रांत का हिस्सा था जिसे 1912 में ब्रिटिश सरकार ने बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग किया था। ओडिशा भारत का पहला राज्य था जो भाषा के आधार पर बनाया गया। इसके गठन के समय, कोरापुट और गंजम जिले मद्रास प्रेसीडेंसी से जोड़कर इसमें शामिल किए गए थे।

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ओडिशा के लिए संघर्ष और आंदोलन

ओडिशा को एक अलग राज्य बनाने की मांग 19वीं सदी के अंत में शुरू हुई। यह आंदोलन ओड़िया भाषा, संस्कृति और पहचान को बचाने के लिए था। 1882 में “उत्कल सभा” बनी जिसने ओडिशा के लिए अलग राज्य की मांग उठाई। 1903 में “उत्कल सम्मिलनी” नाम का संगठन बना जिसका नेतृत्व मधुसूदन दास ने किया। उन्हें ओडिशा राज्य बनाने का मुख्य नेता माना जाता है। उनके प्रयासों और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की नीतियों के कारण 1936 में ओडिशा एक अलग राज्य बना।

ब्रिटिश शासन और ओडिशा की राजनीतिक स्थिति

ब्रिटिश शासन के दौरान ओडिशा में कई बड़े बदलाव हुए। 1568 में बंगाल सल्तनत ने इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। बाद में यह मराठों के नियंत्रण में आया और 1803 में अंग्रेजों के अधीन हो गया। पहले ओडिशा बंगाल प्रेसीडेंसी का हिस्सा था लेकिन 1912 में इसे बिहार और उड़ीसा प्रांत के रूप में एक नया प्रशासनिक ढांचा मिला। हालांकि ओड़िया बोलने वाले लोगों को प्रशासन में कोई खास फायदा नहीं मिला जिससे अलग राज्य की मांग और ज्यादा बढ़ गई।

उत्कल दिवस का महत्व

1 अप्रैल को उत्कल दिवस के रूप में मनाया जाता है जो ओडिशा के बनने की याद दिलाता है। यह दिन ओडिशा की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और संघर्ष को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। प्रसिद्ध रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक इस मौके पर अपनी कलाकृतियों से ओडिशा की महानता दिखाते हैं। ओडिशा न केवल भारत का पहला राज्य है जो भाषा के आधार पर बना बल्कि यह अपनी ऐतिहासिक धरोहर, कला और परंपराओं के लिए भी जाना जाता है।

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Edited By

Ashutosh Ojha

First published on: Mar 31, 2025 01:58 PM

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