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गर्भवती गैंगरेप पीड़िता को घर से निकाला, मामले में पूर्व BJP विधायक भुगत रहा उम्रकैद की सजा

Gangrape Survivor Story: उन्नाव गैंगरेप पीड़िता ने अपनी जान को खतरा बताया है। साथ ही उसने घर से निकाले जाने के आरोप लगाए। मीडिया से बातचीत करते हुए उसने अपने दिल का दर्द बताया और कहा कि उसके लिए गुजर बसर करना अब मुश्किल होने लगा है।

Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Sep 5, 2024 11:27
Delhi Gangrape Case
युवती की हालत का फायदा उठाकर बनाया गया हवस का शिकार।

Unnao Gangrape Survivor Struggling for Living: उत्तर प्रदेश के उन्नाव में गैंगरेप का शिकार हुई युवती आजकल जीने के संघर्ष कर रही है। वह 7 महीने की गर्भवती है, लेकिन उसे घर से निकाल दिया गया है, क्योंकि कोर्ट के आदेशानुसार दिल्ली सरकार ने उसे किराया नहीं दिया है। इसलिए वह दिल्ली में मिले आवास का किराया नहीं चुका पाई और मकान मालिक ने पहले उसकी बिजली काट दी और अब उसे घर खाली करने को कह रहा है। 23 वर्षीय पीड़िता का कहना है कि उसे जुलाई 2024 से अब तक सरकार की ओर से किराये का भुगतान नहीं किया गया है। इसलिए उसे मकान मालिक घर से बेदखल करने की धमकी दे रहा है। उसने घर खाली करने को कह दिया है। वह शादीशुदा है और दूसरे बच्चे की मां बनने वाली है। ऐसी हालत में वह कहां जाएगी। वह राजधानी दिल्ली छोड़कर जाने को मजबूर है और उसे अपनी जान को खतरा महसूस हो रहा है।

दुष्कर्मी को जमानत मिली तो जान को खतरा होगा

TOI की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता ने बताया है कि 4 जून 2017 को उसके साथ गैंगरेप हुआ था। उस समय वह सिर्फ 16 साल की थी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नही की और झूठा रेप केस बताते हुए पिता को गिरफ्तार कर लिया। तंग आकर 8 अप्रैल 2018 को उसने मुख्यमंत्री योगी के आवास के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया था। इस बीच उसने अपने पिता को भी खो दिया, उनकी पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी। 2 साल चली सुनवाई के बाद 16 दिसंबर 2019 को पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार देकर 20 दिसंबर को उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई। अब कुलदीप सेंगर की जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही है। उसे भी कोर्ट में जाना पड़ता है। अगर कुलदीप को जमानत मिल गई तो उसकी जान को भी खतरा है। जुलाई 2019 में भी उसकी कार का एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें उसकी 2 चाचियों की मौत हो गई और वकील गंभीर रूप से घायल हुआ था। उसे CRPF सिक्योरिटी मिली थी।

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आयोग से बातचीत करके भी नहीं हुआ समाधान

पीड़िता ने बताया कि दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर दिल्ली महिला आयोग ने उसे और उसके परिवार को एक मकान दिल्ली में उपलब्ध कराया। 29 मई 2023 को उसने शादी कर ली और अदालत से पति के साथ दिल्ली वाले मकान में रहने की परमिशन ले ली। पिछले एक साल से वह दिल्ली में परिवार के साथ रह रही है। उनकी सुरक्षा में तैनात CRPF के जवान भी साथ रहते हैं। दोनों कमरों का किराया और बिजली शुल्क DCW द्वारा दिया जाता है, लेकिन पिछल 2 महीने से उसे भुगतान नहीं किया गया है। उसने आयोग के दफ्तर जाकर बातचीत भी की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उसे अपनी जेब से भुगतान करना पड़ रहा है। आयोग की ओर से कोर्ट के आदेशानुसार न उसकी पढ़ाई में मदद की गई और न ही उसे अभी तक नौकरी मिली है। ऐसे में उसके लिए गुजर बसर करना काफी मुश्किल हो गया है। ऊपर से दोषी को जमानत मिलने और उसके बाद जान को खतरा महसूस हो रहा है।

आयोग ने भी अपनी तरफ से पेश की सफाई

वहीं नाम नहीं छापने की शर्त पर टाइम्स को दिल्ली महिला आयोग के एक सदस्य ने बताया कि आयोग गैंगरेप पीड़िता के दोनों घरों के किराए और बिजली बिल का भुगतान करने के लिए दिल्ली के महिला एवं बाल विकास विभाग से फंड लेता है। उस राशि का भुगतान विभाग को उत्तर प्रदेश सरकार करती है, लेकिन उन्हें विभाग से ही फंड नहीं मिला तो वे पीड़िता को भुगतान कैसे करें? विभाग ने भी उत्तर प्रदेश सरकार से पत्राचार किया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

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First published on: Sep 05, 2024 11:24 AM

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