नई दिल्ली: केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रूस से तेल खरीदने के संबंध में पूछ गए सवाल पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। दरअसल, एक विदेशी मीडिया हाउस के पत्रकार ने केंद्रीय मंत्री से भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद के बारे में सवाल पूछा। इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत ने रूसी तेल का केवल 0.2 प्रतिशत खरीदा, न कि 2 प्रतिशत।
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जब यूक्रेन के आक्रमण के बीच रूस से भारत द्वारा तेल की खरीद और इससे रूस को हो रहे फायदे के बारे में केंद्रीय मंत्री से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे पहले अपने दृष्टिकोण को सही करने का प्रयास करने दें। हमने वित्तीय वर्ष 31 मार्च, 2022 को समाप्त कर दिया और तेल की खरीद को समाप्त कर दिया। रूसी तेल 0.2 प्रतिशत था न कि 2 प्रतिशत। केंद्रीय मंत्री ने ये भी स्पष्ट किया कि रूस भारत को तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता नहीं है। पिछले महीने भारत को तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता इराक था।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे उपभोक्ताओं के प्रति हमारा नैतिक कर्तव्य है और हम यह सुनिश्चित करते हैं कि उन्हें पेट्रोल, डीजल की आपूर्ति की जाती है। रूसी तेल खरीदने में कोई नैतिक संघर्ष नहीं है। हम एक्स या वाई से नहीं खरीदते हैं, हम जो कुछ भी उपलब्ध है उसे खरीदते हैं।
‘मोदी सरकार दबाव में नहीं’
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका और यूरोप के साथ भारत हेल्दी डिस्कशन का आनंद ले रहा है और मोदी सरकार दबाव में नहीं है। अगर रूस से तेल प्रतिबंध को पश्चिम कड़ा करता है, के सवाल पर हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “हमारी कई बैकअप योजनाएं हैं। अमेरिका और यूरोप के साथ हमारी चर्चा चल रही है। मोदी सरकार दबाव महसूस नहीं करती है।
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