Uniform Civil Code Uttarakhand Assembly: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पेश होने जा रहा है। विधानसभा में इसे 5 फरवरी को पेश किया जाएगा। इसी के साथ उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन जाएगा, जहां इसे पेश किया जा रहा है। इसके लिए विधानसभा में एक दिन का विशेष सत्र बुलाया जाएगा।
यूनिफॉर्म सिविल कोड बीजेपी के संकल्प पत्र में शामिल
इस कानून के जरिए सभी धर्म और समुदायों के लिए एक तरह का कानून होगा। समान नागरिक संहिता के तहत अलग-अलग धर्मों के कानून निष्प्रभावी होकर एक ही हो जाएंगे। संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत समान नागरिक संहिता को पेश किया जाएगा। उत्तराखंड में बीजेपी की सरकार है। बीजेपी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को अपने संकल्प पत्र में भी शामिल किया हुआ था।
प्रदेश की संस्कृति को संरक्षण देने, देवभूमि के मूल स्वरूप को बनाए रखने और सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार के उद्देश्य से UCC को शीघ्र ही प्रदेश में लागू किया जाएगा।#uniformcivilcode #UCC pic.twitter.com/UNYQ4hZCIU
— Pushkar Singh Dhami (Modi Ka Parivar) (@pushkardhami) January 25, 2024
समान अधिकार के उद्देश्य से UCC को लागू किया जाएगा
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक दिन पहले ही कहा था कि हमने यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने का संकल्प लिया था। उन्होंने आगे बताया कि पांच सदस्यीय कमेटी ने ड्राफ्ट पूरा कर लिया है। जल्द ही हमें वह ड्राफ्ट मिलने वाला है। ड्राफ्ट मिलते ही हम विधानसभा का सत्र बुलाकर समान नागरिक संहिता को पेश करेंगे। सीएम धामी का कहना है कि सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार के उद्देश्य से UCC को लागू किया जाएगा।
सीएम धामी ने अब एक दिन बाद इसे पेश करने की तारीख तय कर दी है। उल्लेखनीय है कि भारत में समान नागरिक संहिता लागू नहीं है। जबकि कई अन्य देशों जैसे अमेरिका, पाकिस्तान, मलेशिया, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और सूडान में इसे लागू किया हुआ है।
क्या होता है यूनिफॉर्म सिविल कोड?
इस कानून के लागू होने के बाद शादी के साथ ही तलाक, बच्चे को गोद लेने और संपत्ति में सभी से जुड़े नियम सभी धर्म या समुदायों के लिए एक हो जाएंगे। इससे किसी धर्म विशेष के लिए किसी भी तरह का कोई अलग नियम लागू नहीं होगा। यानी जो कानून हिंदू के लिए है, वही अन्य धर्मों के लिए भी लागू होगा। हालांकि इससे धार्मिक मान्यताओं या फिर रीति-रिवाजों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसका उद्देश्य किसी को कंट्रोल करना नहीं बल्कि एक समान कानून लागू करना है। इससे जनसंख्या को बिगड़ने से रोकने या नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी।
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