---विज्ञापन---

देश

UN से मरणोपरांत सम्मानित होंगे दो भारतीय सैनिक, मिलेगा ‘डैग हैमरस्कॉल्ड’ पदक

भारत यूएन शांति मिशन में अपना योगदान देता रहा है। वह यूएन शांति मिशन में वर्दीधारी कर्मियों को भेजने के मामले में चौथा सबसे बड़ा देश है। वर्तमान में भारत के अबेई, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, कांगो, लेबनान, सोमालिया, दक्षिण सूडान और वेस्ट सहारा में 5,300 से ज्यादा सैन्य और पुलिसकर्मी तैनात हैं।

Author Written By: Pawan Mishra Author Edited By : Deepti Sharma Updated: May 29, 2025 13:12
UN to honoured Indian peacekeepers posthumously
UN to honoured Indian peacekeepers posthumously

साल 2024 में युनाइटेड नेशन में सेवा देने के दौरान भारत के दो सैनिक ब्रिगेडियर अमिताभ झा और हवलदार संजय सिंह शहीद हो गए थे। अब यानी साल 2025 में भारतीय शांति सैनिकों को विश्व निकाय द्वारा मरणोपरांत सम्मानित किया जाएगा। आपको बता दें, हर साल के मई महीने में इंटरनेशनल संयुक्त राष्ट्र शांति दिवस मनाया जाता है और एक समारोह आयोजित करके शांति सेना में काम करने वाले सैनिकों को सम्मानित किया जाता है। भारत का रक्षा मंत्रालय दुनिया के देशों में चौथे पायदान पर है जो शांति स्थापना के लिए अपने सैनिकों को योगदान देने के लिए दूसरे देशों में भेजता है।

कितने सैन्य और पुलिसकर्मी तैनात हैं?

भारतीय सेना से मिली जानकारी के मुताबिक फिलहाल अभी 5,300 भारतीय सैनिक मीडिल अफ्रीकन कंट्री अबेई, कांगो, लेबनान, सोमालिया, साउथ सूडान और वेस्ट सहारा में तैनात हैं। रक्षा मंत्रालय ने न्यूज24 को बताया कि शांति सैनिक दिवस के मौके पर विश्व संस्था के मुख्यालय में आयोजित समारोह के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस मौजूद रहेंगे। वे 1948 से अब तक, विश्व निकाय में अपनी सर्विस के दौरान जान गंवाने वाले 4,400 से ज्यादा शांति सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए पुष्पचक्र अर्पित करेंगे। गुतारेस एक समारोह की अध्यक्षता भी करेंगे।

---विज्ञापन---

पिछले साल कितनों ने दी थी सेवाएं?

इसमें पिछले साल यूएन के तहत सर्विस करते हुए अपनी जान गंवाने वाले 57 सैन्य, पुलिस और असैन्य शांति सैनिकों को मरणोपरांत डैग हैमरशॉल्ड पदक दिए जाएंगे। इससे जुड़े बयान में बताया गया कि इस साल के इंटरनेशनल डे ऑफ यूनाइटेड नेशन पीस पीकर का विषय ‘शांति स्थापना का भविष्य’ है। यह इस बात पर जोर देता है कि पिछले साल सितंबर में ग्लोबल लीडर्स के अपनाए गए ‘भविष्य के लिए समझौते’ में बदलती दुनिया को देखते हुए शांति स्थापना को अपनाने की प्रतिबद्धता भी शामिल है।

ये भी पढ़ें-  ‘मैं हिंदुस्तान का हूं…’, राजनाथ सिंह ने POK की तुलना महाराणा प्रताप के भाई शक्ति से क्यों की?

---विज्ञापन---
First published on: May 29, 2025 01:12 PM

संबंधित खबरें