यूएस की राष्ट्रीय खुफिया डायरेक्टर तुलसी गबार्ड ने अमेरिकी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम पर टिप्पणी करते हुए इसे खराब बताया। उन्होंने कहा कि ईवीएम में इटरनेंट कनेक्शन होता है, जिसमें हेराफेरी के सबूत मिले हैं। इसे लेकर भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने तुलसी गबार्ड के बयान को सिरे से खारिज कर दिया। चुनाव आयोग ने कहा कि भारत का ईवीएम सिस्टम अमेरिका जैसा नहीं है। इसमें वाईफाई-इंटरनेट कनेक्शन नहीं होता है।
भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने बताया कि कैसे पूरी दुनिया में भारतीय इलेक्ट्रॉनिक मशीनें सबसे सरल और सेफ हैं। चुनाव आयोग के अनुसार, कुछ देश ईवीएम का उपयोग करते हैं, जो इंटरनेट समेत कई निजी नेटवर्क से कनेक्ट है। इनमें से किसी भी देश में मतदाताओं की संख्या लगभग 100 करोड़ (एक अरब) भारतीय मतदाताओं के 1/5 से भी कम है।
यह भी पढ़ें : अलग-अलग राज्य में वोटर्स के एक जैसे EPIC नंबर का क्या है मतलब? जानिये क्या बोला चुनाव आयोग?
इंटरनेट, वाईफाई से कनेक्ट नहीं है ईवीएम सिस्टम
चुनाव आयोग के मुताबिक, भारत बहुत ही सरल ईवीएम सिस्टम का इस्तेमाल करता है, जो सही और सटीक कैलकुलेटर की तरह काम करता है और इन्हें इंटरनेट, वाईफाई से नहीं जोड़ा जाता है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कानूनी जांच में भारतीय इलेक्ट्रॉनिक मशीनें खरी उतरी हैं और मतदान शुरू होने से पहले मॉक पोल के संचालन सहित कई चरणों में राजनीतिक दलों की ओर से हमेशा जांची और सत्यापित की जाती हैं।
🚨 EVMs Are Hackable!!!
Global Concern, Indian Denial!Former US Congresswoman Tulsi Gabbard exposes shocking vulnerabilities in Electronic Voting Machines (#EVM), demanding a return to Paper Ballots for free & fair elections.
She revealed in a Cabinet meeting that her office… pic.twitter.com/ebaFH1cOsW
— India With Congress (@UWCforYouth) April 11, 2025
वीवीपीएटी पर्चियों का भी मिलान किया जाता है
ECI ने बताया कि भारतीय वोटर ईवीएम का बटन दबाते समय अपनी संतुष्टि के लिए संबंधित वीवीपीएटी पर्चियों को भी देख सकते हैं। काउंटिंग के दौरान उम्मीदवारों के सामने 5 करोड़ से अधिक वीवीपीएटी पर्चियों का सत्यापन और मिलान किया गया है। किसी भी संख्या में वोटों की गिनती (यहां तक कि 100 करोड़) एक दिन से भी कम समय में पूरी की जा सकती है और कोई भी व्यक्ति इन मशीनों के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकता है।
यह भी पढ़ें : Watch: नए मुख्य चुनाव आयुक्त Gyanesh Kumar की नियुक्ति पर कांग्रेस को आपत्ति क्यों?