This district of the country has the second highest number of child marriages: महाराष्ट्र का बीड एक ऐसा जिला है, जहां से देश में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा चाइल्ड मैरिज की घटनाएं सामने आती हैं। लेकिन इस जिले की एक खास बात है कि यहां के तीन हजार से ज्यादा स्कूलों के बच्चों ने इसे खत्म करने की कसम खा रखी है। दरअसल, स्कूल के बच्चे प्रार्थना के समय मराठी में ऑथ लेते हैं कि न वो चाइल्ड मैरिज करेंगे, ना ही करने देंगे और साथ ही ना ही इसका समर्थन करेंगे। इन बच्चों के जरिए आज पता चल पा रहा है कि इस स्थान पर चाइल्ड मैरिज की जा रही है। यहां पर हर महीने 30 चाइल्ड मैरिज की कॉल आती हैं। वहीं, पिछले साल सिर्फ दो ऐसी कॉल आई थी।
बीड जिले से दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा चाइल्ड मैरिज की घटनाएं आती हैं सामने
चाइल्ड मैरिज को खत्म करने के लिए बीड जिले में स्कूल के बच्चे क्रांतिकारी बन गए हैं। उनके जरिए आज कम उम्र की लड़कियों को चाइल्ड मैरिज से बचाया जा रहा है। एक बच्चे ने बताया कि जब उसकी 13 साल की चचेरी बहन को शादी के लिए मजबूर किया जा रहा था तो उसे लगा कि कार्रवाई करना उसकी जिम्मेदारी है। यह जानते हुए कि उसके माता-पिता बात नहीं सुनेंगे। हालांकि, उसने अपने एक दोस्त का फोन लेकर 1098 पर कॉल किया, जिससे उसकी चाइल्ड मैरिज होने से बच सकी। बी़ड में आज बच्चों की क्रांति की वजह से ही चाइल्ड मैरिज के बारे में पता चल पा रहा है, पहले पुलिस और चाइल्ड मैरिज रोकथाम संगठन को इस बारे में सूचना ही नहीं मिल पाती थी।
तीन हजार से ज्यादा स्कूलों के बच्चे बने क्रांतिकारी
महाराष्ट्र के बीड जिले के पांच लाख से ज्यादा बच्चे रोज सोमवार की सुबह स्कूल में चाइल्ड मैरिज को खत्म करने की शपथ लेते हैं। इसी के कारण बीड में बाल विवाह रोकथाम कॉल की रिपोर्टिंग में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखने को मिली है, पहले साल में सिर्फ ऐसी दो कॉल प्राप्त होती थी लेकिन आज हर महीने 30 कॉल आती हैं। दरअसल, सबसे पहले इस शपथ को आईएएस दीपा मुधोल मुंडे ने महाराष्ट्र के धुले जिले के प्राइवेट और सरकारी स्कूल में अनिवार्य किया था, ताकि महिला एवं बाल विकास अधिकारियों को संवेदनशील बनाया जा सके। हालांकि, बाद में इसे बीड जिले में भी लागू कर दिया।
चाइल्ड मैरिज की रिपोर्ट में हुई बढ़ोतरी
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 2016-17 में बाल विवाह की रिपोर्ट करने के लिए केवल 19 कॉल प्राप्त हुईं, जो 2017-18 में बढ़कर 27 हो गईं, लेकिन 2018-19 में घटकर 17 रह गईं। 2019-20 में यह आंकड़ा बढ़कर 39 हो गया। कोविड महामारी के दौरान जब राज्य भर में बाल विवाह की घटनाएं बढ़ीं, तो 2020-21 में रिपोर्ट बढ़कर 41 और 2021-22 में 83 हो गई। 2022-23 में 132 मामले सामने आए।