Telangana Tunnel Rescue: तेलंगाना टनल हादसे में फंसे लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ और सेना लगातार कोशिश कर रही है। अब तक मजदूरों से किसी प्रकार का संपर्क नहीं हो पाया है। इस बीच खबर है कि एनडीआरएफ की टीम मजदूरों के काफी करीब पहुंच गई है। पिछले 5 दिनों से नागरकुर्नूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल हादसे में फंसे मजदूरों और अन्य कर्मियों को निकालने के लिए जद्दोजहद की जा रही है। बता दें कि यह हादसा 22 फरवरी को हुआ था।
अब तक इस रेस्क्यू अभियान के लिए ड्रोन कैमरों, सोनार और पोर्टेबल कैमरा और रोबोट उपकरणों को शामिल किया गया है। मामले में डिप्टी सीएम भट्टी मल्लू विक्रमार्क ने बताया कि सरकार तब तक हार नहीं मानेगी जब तक अंदर फंसे आठ लोगों को बाहर नहीं निकाल लिया जाता। फिलहाल पंप लगाकर पानी और कीचड़ बाहर निकाला जा रहा है। डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी, जब तक उन्हें ढूंढ नहीं लेते, चैन नहीं बैठेंगे। हमें जो भी करना होगा, हम करेंगे।
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11 एजेंसियां बचाव में जुटी
सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने बताया कि इस अभियान में अब तक 11 राष्ट्रीय और राज्य की एजेंसियां लगी हुई है। इनमें सेना, नौसेना, मार्कोस कमांडो, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और भूवैज्ञानिकों की टीम लगी है। रेस्क्यू जुटी बचाव एजेंसियों के सामने सबसे बड़ी समस्या मलबा और लगातार आ रहा पानी है। पानी और मलबे को लगातार बाहर निकाला जा रहा है। हर मिनट टनल में 3200 लीटर पानी भर रहा है, जिससे कीचड़ भी बढ़ता जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि टनल में ज्यादा खुदाई और वर्टिकल ड्रिलिंग से बचावकर्मियों की सुरक्षा दांव पर लग सकती है।
टनल में लगातार आ रहा पानी
पीटीआई से बातचीत करते हुए मंत्री ने कहा कि सुरंग में पानी और ढहते मलबे के कारण बचावकर्मियों की जान जोखिम में है। वहीं अधिकारियों ने वर्टिकल ड्रिलिंग के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। वहीं टनल में आने और जाने का एक ही रास्ता है। हालांकि बचावकर्मी लगातार राहत में जुटे हैं।
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