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26 साल पुराने मामले में अदालत का बड़ा फैसला, डीएसपी समेत 9 पुलिसकर्मियों को उम्रकैद

तमिलनाडु में 26 साल पुराने एक मामले में अदालत ने डीएसपी समेत 9 पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में दोषियों के खिलाफ हर्जाना भी लगाया गया है। 

Author Edited By : Deepak Pandey Updated: Apr 6, 2025 09:03

पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में अदालत का बड़ा फैसला आया है। इस मामले में स्थानीय कोर्ट ने डीएसपी स्तर के एक अधिकारी सहित 9 पुलिसकर्मी को उम्रकैद की सजा सुनाई है और दोषियों पर जुर्माना भी लगाया है। साथ ही अदालत ने 11 आरोपियों में 2 को बरी कर दिया। यह मामला तमिलनाडु के थूथुकुडी में स्थित थलमुथु नगर पुलिस स्टेशन का है, जहां साल 1999 में हिरासत में सी. विंसेंट की मौत हो गई थी। आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला?

17 सितंबर, 1999 को पूछताछ के लिए सी. विंसेंट नामक एक व्यक्ति को थलमुथु नगर पुलिस स्टेशन लाया गया था। तत्कालीन सब इंस्पेक्टर रामकृष्णन ने उसे लॉकअप में रखा, जो डीएसपी पद से रिटायर्ड हुए थे। दूसरे दिन लॉकअप में विंसेंट की संदिग्ध तरीके से मौत हो गई। उसकी मौत के बाद विंसेंट की पत्नी कृष्णम्मल ने उसी पुलिस स्टेशन में तहरीर दी और आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उसके पति को पीट-पीट कर मार डाला।

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जानें किन पुलिसकर्मियों को मिली सजा?

पुलिस ने इस मामले की जांच की तो रामकृष्णन, सोमसुंदरम, जयशेखरन, जोसेफ राज, पिचैया, चेल्लाथुरई, वीरबाहु, शिवसुब्रमण्यम, सुब्बैया, रथिनासामी और बालासुब्रमण्यम समेत कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। थूथुकुडी के फर्स्ट एडिशनल सेशन कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई और जस्टिट एम. थंडावन ने रामकृष्णन, सोमसुंदरम, जयशेखरन, जोसेफ राज, पिचैया, चेल्लाथुरई, वीरबाहु, सुब्बैया और बालासुब्रमण्यम को उम्रकैद की सजा सुनाई और उन पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

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दो पुलिसकर्मी हुए बरी

अदालत ने सबूतों के अभाव में अब रिटायर्ड हो चुके रथिनासामी और शिवसुब्रमण्यम को बरी कर दिया गया। सजा पाने वालों में सोमसुंदरम वर्तमान में भूमि अधिग्रहण रोकथाम विंग में इंस्पेक्टर और पिचैया विशेष उप-निरीक्षक के रूप में कार्यरत हैं, जबकि अन्य पुलिसकर्मी सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

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Deepak Pandey

First published on: Apr 06, 2025 08:18 AM

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