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Tamil Nadu Election से पहले सीएम स्टालिन को झटका, इन दो मंत्रियों ने दिया इस्तीफा

तमिलनाडु राजभवन ने आज एक बयान में बताया कि राज्य के मंत्री वी सेंथिल बालाजी और के पोनमुडी ने एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली राज्य कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। दोनों मंत्रियों का इस्तीफा राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया है। बता दें कि सेंथिल बालाजी को कथित तौर पर नौकरी के बदले नकदी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का सामना करना पड़ रहा है, जबकि पोनमुडी को विपक्ष की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। 

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Apr 27, 2025 21:16
CM MK Stalin

तमिलनाडु में अगले साल यानी 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहल रविवार को सीएम स्टालिन को बड़ा झटका लगा है। सीएम स्टालिन कैबिनेट के दो मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वालों में तमिलनाडु के बिजली मंत्री सेंथिल बालाजी और वन मंत्री पोनमुडी शामिल हैं। दोनों मंत्रियों ने रविवार को राज्यपाल आरएन रवि को अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिसके तुरंत बाद सीएम एमके स्टालिन ने अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया।

राज्यपाल ने मंजूर किया इस्तीफा

जानकारी के मुताबिक, राजभवन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि राज्यपाल आरएन रवि ने मुख्यमंत्री स्टालिन की ओर से दोनों मंत्रियों के इस्तीफे को स्वीकार करने की सिफारिश को मंजूरी दे दी है।

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सुप्रीम कोर्ट ने सेंथिल बालाजी को दिया था अल्टीमेटम

सेंथिल बालाजी ईडी जांच का सामना कर रहे हैं। इस मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह पद और स्वतंत्रता के बीच चुनाव करें। कोर्ट ने उन्हें चेतावनी दी थी कि अगर वह मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देते हैं तो उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी। कोर्ट ने उनसे कहा था कि या तो मंत्री पद छोड़ो या फिर जेल जाओ। ये मामला नौकरी के बदले पैसे लेने के घोटाले से जुड़ा है। दरअसल, मद्रास हाई कोर्ट ने सेंथिल बालाजी को जमानत दे दी थी। इसके दो दिन बाद ही सीएम एमके स्टालिन ने उन्हें फिर से मंत्री बना दिया था। इस बात पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी दिखाई। कोर्ट का कहना था कि अगर बालाजी मंत्री बने रहते हैं तो वो गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए कोर्ट ने कहा है कि अगर वो मंत्री बने रहे तो उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी।

एमके स्टालिन मंत्रिमंडल में फेरबदल

परिवहन मंत्री एसएस शिवशंकर को अतिरिक्त रूप से बिजली विभाग और आवास मंत्री एस मुथुसामी को आबकारी एवं मद्य निषेध विभाग सौंपा गया है। ये दोनों विभाग सेंथिल बालाजी के पास था। वहीं, मौजूदा दूध और डेयरी विकास मंत्री आरएस राजकन्नप्पन को वन और खादी विभाग की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो पोनमुडी के पास था। इसके अलावा सीएम स्टालिन ने पद्मनाभपुरम विधानसभा क्षेत्र से विधायक टी मनो थंगराज को भी मंत्रिमंडल में शामिल करने की सिफारिश की है। वे पूर्व में दूध एवं डेयरी विकास मंत्री थे।

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विपक्ष के आलोचना का शिकार हुए पोनमुडी

बता दें कि पोनमुडी को विपक्षी एआईडीएमके और भाजपा की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उन्होंने एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान शैव, वैष्णव धर्मों और खास तौर पर महिलाओं को बदनाम करने वाली टिप्पणी की थी। मंत्री ने अपनी टिप्पणियों के लिए खेद जताया था, लेकिन विपक्ष मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से उन्हें राज्य मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग कर रहा था। मद्रास हाई कोर्ट ने भी उनकी टिप्पणी पर स्वतः संज्ञान लेते हुए उन्हें फटकार लगाई थी और पुलिस को एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच करने का निर्देश दिया था।

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Edited By

Satyadev Kumar

First published on: Apr 27, 2025 09:14 PM

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