Tamil Nadu Delimitation Row: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कथित तौर पर केंद्र की प्रस्तावित परिसीमन योजना (Delimitation Plans) पर व्यंग्यात्मक रूप से हमला किया है। साथ ही उन्होंने राज्य के नवविवाहितों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द बच्चे पैदा करें। सीएम ने कहा कि राज्य में सफलतापूर्वक जनसंख्या नियंत्रण करने का खामियाजा अब भुगतना पड़ सकता है। उन्होंने लोगों को चेताया कि अगर जनसंख्या के आधार पर संसदीय सीटों का परिसीमन होता है तो इसका तमिलनाडु को नुकसान हो सकता है।
तमिलनाडु CM ने की यह अपील
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने नागपट्टनम में डीएमके जिला सचिव के विवाह समारोह में कहा, ‘मैं पहले नवविवाहितों से कहता था कि आप अपने मुताबिक आराम से बच्चे पैदा करें, लेकिन अब हालात बदल गए हैं। अब परिसीमन जैसी नीतियों को केंद्र सरकार लागू करने की योजना बना रही है, इसलिए हम ऐसा नहीं कह सकते। हमने परिवार नियोजन पर ध्यान केंद्रित किया और सफल रहे। लेकिन, इस परिवार नियोजन कार्यक्रम ने ऐसी स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है कि तमिलनाडु में लोकसभा सीटों की संख्या कम हो सकती है। इसलिए मैं अब नवविवाहितों से अपील करूंगा कि वे तुरंत बच्चे पैदा करें और उन्हें अच्छा तमिल नाम दें।’
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BJP ने किया पलटवार
वहीं, सीएम स्टालिन के बयान पर भाजपा प्रवक्ता सीआर केशवन ने प्रतिक्रया दी है। उन्होंने सीएम के बयान की आलोचना करते हुए इसे हताशा और प्रपंच से भरा ध्यान भटकाने वाला ‘नाटक’ बताया। केशवन ने यह भी सवाल उठाया कि क्या डीएमके में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के जनसंख्या अधिकारों पर बयान को चुनौती देने का साहस है, जिसे उन्होंने स्टालिन के रुख के सीधे विरोधाभासी बताया। मीडिया रिपोर्ट में केशवन के हवाले से कहा गया है कि ‘डीएमके हताशापूर्ण और अपने प्रपंच से ध्यान भटकाने वाले नाटक में लगी हुई है, क्या उनमें राहुल गांधी से सवाल पूछने और ‘जितनी आबादी, उतना हक’ की उनकी अपील पर स्पष्टीकरण मांगने का साहस है?’ केशवन जनसंख्या के अनुपात में अधिकारों के लिए राहुल गांधी की अपील का जिक्र कर रहे थे।
3 भाषा और परिसीमन पर गरमाई राजनीति
बता दें कि तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) केंद्र की परिसीमन योजना का विरोध कर रही है। परिसीमन योजना के तहत जनसांख्यिकीय परिवर्तनों के आधार पर संसदीय और विधानसभा क्षेत्रों की सीमाओं का दोबारा निर्धारण किया जाता है। इससे पहले 1 मार्च को 72वें जन्मदिवस के मौके पर तमिलनाडु सीएम ने अपनी पार्टी के कैडर से अपील करते हुए कहा था कि ‘आज तमिलनाडु दो अहम चुनौतियों से जूझ रहा है। इनमें से एक है भाषा की लड़ाई, जो हमारी जीवनरेखा है। वहीं, दूसरी लड़ाई है परिसीमन की, जो हमारा अधिकार है। मैं आपसे अपील करता हूं कि इस लड़ाई के बारे में लोगों को बताया जाए। परिसीमन का सीधा असर राज्य के आत्म सम्मान, सामाजिक न्याय और लोगों की कल्याणकारी योजनाओं पर होगा। आपको इस संदेश को लोगों तक लेकर जाना होगा ताकि राज्य का हर नागरिक राज्य को बचाने के लिए एकजुट हो सके।’
क्या है परिसीमन विवाद?
सीएम स्टालिन ने चिंता व्यक्त की है कि तमिलनाडु जैसे दक्षिणी राज्य, जिसने वर्षों से परिवार नियोजन को प्रभावी ढंग से लागू किया है। लेकिन, 2026 के बाद परिसीमन प्रक्रिया शुरू होने पर राज्य की लोकसभा में कुछ सीटें कम हो सकती है। तमिलनाडु के कई राजनीतिक दलों को आशंका है कि परिसीमन प्रक्रिया से राज्य की लोकसभा सीटें कम हो सकती हैं। सीएम स्टालिन ने कहा है कि अगर परिसीमन प्रस्ताव लागू हुआ तो तमिलनाडु की लोकसभा सीटें 39 से घटकर 31 हो सकती हैं। स्टालिन ने हाल ही में कहा था कि यह तमिलनाडु के अधिकारों का मामला है। सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर इसका विरोध करना चाहिए। वहीं, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्टालिन के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि तमिलनाडु सहित किसी भी दक्षिणी राज्य में संसदीय सीटों की संख्या कम नहीं होगी। उन्होंने स्टालिन पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया था।