Svamitva Scheme : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण क्षेत्रों में ‘आर्थिक प्रगति’ लाने के लिए 2020 में गांवों का सर्वेक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों में नई तकनीक के साथ मानचित्रण (या स्वामित्व) योजना शुरू की थी। इस योजना का मकसद ड्रोन से जमीन का सर्वे करना और जीआईएस तकनीक के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी भूमि का सीमांकन करना था। 27 दिसंबर को 10 राज्यों के 50 हजार गांवों के 58 लाख लोगों को स्वामित्व प्रॉपर्टी कार्ड वितरित करेंगे।
भूमि के मालिकाना हक सुनिश्चित होने से जमीन विवाद में कमी आने की संभावना है और ग्राम-स्तरीय योजना बनाने में मदद मिलेगी। 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के अलावा दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को यह कार्ड दिया जायेगा।
क्या है स्वामित्व योजना?
केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन मालिकों को एक स्वामित्व कार्ड देने की योजना बनाई थी। इसके लिए जमीन मालिकों को एक कार्ड दिया जाएगा, जिस पर उनका मालिका हक होगा। इसकी मदद से बैंकों से लोन लेना आसान हो जाएगा। इस कार्ड में लोगों की जमीन से जुड़ी सारी जानकारी डिजिटल तरीके से स्टोर हो जाएगी।
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— Ministry of Panchayati Raj, Government of India (@mopr_goi) December 26, 2024
पंचायती राज मंत्रालय द्वारा बताया गया कि पहले कई राज्यों में गांवों के आवासीय क्षेत्रों का मानचित्र नहीं था। इसके कारण बैंकों से लोन मिलने में मुश्किलें आती थीं। नए प्रयास के बाद, कई संपत्ति मालिक अपने संपत्ति कार्ड के माध्यम से बैंक ऋण प्राप्त करने में सक्षम हो गए हैं, जिसे अब कानूनी मान्यता भी है।
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मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज ने बताया कि स्वामित्व योजना के तहत 3.17 गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा किया जा चुका है। आबादी और गैर आबादी क्षेत्र का ड्रोन सर्वेक्षण इस योजना का पहला चरण है। अब तक 1.49 लाख गांवों में 2.19 करोड़ से अधिक संपत्ति कार्ड तैयार किए जा चुके हैं। बताया गया कि इस योजना के तहत सभी लाभार्थियों को मार्च 2026 तक कार्ड उपलब्ध करा दिए जाएंगे। हालांकि पहले लक्ष्य मार्च 2025 का था।