---विज्ञापन---

देश

आत्महत्या के लिए उकसाने मामले पर SC सख्त, ‘भावनाओं के लिए दर्ज न किया जाए केस’

Supreme Court: आत्महत्या के लिए उकसाने (IPC 306) के आरोप के मामले में सुप्रीम को ने एक अहम फैसले सुनाया। जिसमें कहा है कि सिर्फ पीड़ित परिवार को संतुष्ट करने के लिए पुलिस आरोपी के खिलाफ मुकदमा नहीं दर्ज कर सकती।

Author Written By: Prabhakar Kr Mishra Author Edited By : Shabnaz Updated: Jan 17, 2025 13:45
Supreme Court

Supreme Court: एक व्यक्ति की आत्महत्या से जुड़े मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए फैसला सुनाया। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ‘जांच एजेंसियों को ऐसे मामलों में संवेदनशील होना चाहिए। आरोपियों को जबरदस्ती परेशान न किया जाए। फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘निचली अदालतों को भी ऐसे मामलों में आरोप तय करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए।’

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले पर सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि IPC की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) को केवल पीड़ित परिवार की भावनाओं को शांत करने के लिए लागू नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा SC ने जांच एजेंसियों को भी संवेदनशीलता बरतने की सलाह दी।

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ें: कांग्रेस ने क्यों सुप्रीम कोर्ट का खटखटाया दरवाजा? किस मामले में दी चुनौती

कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसियों को धारा 306 पर फैसले के बारे में संवेदनशील होना चाहिए ताकि आरोपियों को परेशान न किया जाए। इसके अलावा ट्रायल कोर्ट को भी इस तरह के मामलों में आरोप तय करते समय सतर्क रहने की जरूरत है।

---विज्ञापन---

क्या था केस?

ये मामला बैंक का लोन ना चुका पाने वाले एक व्यक्ति की आत्महत्या से जुड़ा था। इसमें बैंक मैनेजर के खिलाफ पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने के तहत मुकदमा दर्ज किया था। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने माना कि बैंक मैनेजर की भूमिका आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपों पर खरी नहीं उतर रही है।

हाल ही में एक मामला नोएडा से भी सामने आया, जहां पर एक स्टूडेंट ने आत्महत्या कर ली। इस केस में उस लड़के की एक्स गर्लफ्रेंड को गिरफ्तार किया गया। क्योंकि आत्महत्या करने से पहले लड़के का झगड़ा एक्स गर्लफ्रेंड से हुआ था। जिसके बाद ही उसने बिल्डिंग की 7वीं मंजिल से छलांग लगा दी। लकड़ी को अदालत ने यह कहते हुए जमानत दे दी कि झगड़ा हुआ, लेकिन इसको आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला नहीं कहा जा सकता है।

ये भी पढ़ें: Manthan 2025: दिल्ली चुनाव के लिए AAP कितनी तैयार? CM आतिशी का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

First published on: Jan 17, 2025 01:45 PM

संबंधित खबरें