देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने स्पाइस जेट के चेयरमैन अजय सिंह को आड़े हाथों लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पाइस जेट चेयरमैन को कहा है कि अगर 15 सितम्बर तक 4.15 की किस्त का भुगतान नहीं किया तो तिहाड़ जेल भेज देंगे। स्पाइस जेट चेयरमैन को 10 लाख डॉलर के डिफॉल्ट अमाउंट का भुगतान करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। कोर्ट ने कहा कि आप अगर मर भी जाएं तो कोई परवाह नहीं।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो कोर्ट ने अजय सिंह के खिलाफ गत 14 अगस्त को अवमानना नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि अगर आप एयरलाइंस बंद भी कर देते हैं तो हमें परवाह नहीं। समझौते में जो शर्त है, उसे मानना ही पड़ेगा। इसके साथ ही कोर्ट ने हर सुनवाई पर उपस्थित रहने के निर्देश भी अजय सिंह को दिए। बता दें कि केस की अगली सुनवाई 22 सितम्बर को बताई जा रही है।
यह भी पढ़ें: पोर्नोग्राफी से जुड़े केस में हाईकोर्ट की अहम टिप्पणी, समझाई सेक्स और वासना की परिभाषा
क्या है पूरा मामला
बता दें कि क्रेडिट सुईस और स्पाइस जेट के बीच 2015 से ही कानूनी विवाद चल रहा है। सूत्रों की मानें तो क्रेडिट सुईस ने स्पाइस जेट एयरलाइंस पर करीब 2.4 करोड़ डॉलर का बकाया होने का दावा किया था। जब यह मसला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा तो सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों से इसका उचित समाधान निकालने के लिए कहा था।
हालांकि, पिछले वर्ष दोनों पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कहा था कि वे मामले के निपटारे के लिए सहमत हो गए हैं, लेकिन इसी साल 2023 में, क्रेडिट सुईस ने स्पाइस जेट चेयरमैन अजय सिंह के खिलाफ अवमानना नोटिस दर्ज करवाया था। तर्क में कहा गया था कि कंपनी शर्तों के मुताबिक अपने बकाए का भुगतान करने में असफल रही है।
यह भी पढ़ें: दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कमा रही महिला को मेंटेनेंस देने से किया इनकार, कही ये बातें
मारन परिवार को दिए 62.5 करोड़ रुपए
सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष स्पाइस जेट द्वारा दिए गए तर्क में कहा गया कि उसने मध्यस्थता निष्पादन में सन ग्रुप के अध्यक्ष कलानिधि मारन को 100 करोड़ रुपए में बकाया बचे 62.5 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया है। स्पाइस जेट एयरलाइंस को मंगलवार तक शेष बाकी 37.5 करोड़ रुपए का भुगतान करने के लिए कहा गया है।
स्पाइस जेट ने अदालत में बकाया भुगतान राशि के तहत 37.5 करोड़ रुपए का चेक मारन को दिया, जिसे मारन ने अस्वीकार कर दिया। मारन की इच्छा थी कि स्पाइस जेट उन्हें भुगतान की राशि RTGS के तहत दे।
स्पाइस जेट ने अपने तर्क में कहा कि 9 और 10 सितम्बर को बैंक में अवकाश था, जिसके कारण वे तय समय सीमा में शेष बकाया राशि का भुगतान नहीं कर सके। इसलिए दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार तक स्पाइस जेट को शेष राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया।