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‘कौन देख रहा था, क्या सबूत है?’, समुद्र में 43 रोहिंग्या रिफ्यूजी फेंके जाने का दावा! याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने रोहिंग्या शरणार्थियों को समुद्र में फेंके जाने के दावे की याचिका पर जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि ये सब कौन देख रहा था? कौन रिकॉर्ड कर रहा था?

Author Written By: Prabhakar Kr Mishra Author Edited By : Deepak Pandey Updated: May 16, 2025 16:07
supreme court
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सुप्रीम कोर्ट में रोहिंग्या शरणार्थियों को जबरन म्यांमार डिपोर्ट करने की याचिका पर सुनवाई हुई। केंद्र सरकार पर आरोप है कि हाथों और आंखों पर पट्टी बांधकर 43 रोहिंग्या रिफ्यूजी को समुद्र में फेंक दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को जमकर फटकार लगाई।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि ये सब कौन देख रहा था? कौन रिकॉर्ड कर रहा था? आप रोज-रोज नई कहानियां लेकर आ जाते हैं। आप जो बता रहे हैं, उसका आधार क्या है? सबूत दिखाइए कि ऐसा हुआ है। रोहिंग्या शरणार्थियों से जुड़े एक मामले पर सुनवाई टलती है, आप दूसरा मामला लेकर आ जाते हैं।

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जानें क्या है पूरा मामला?

सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट कॉलिन गोंजाल्विस जस्टिस सूर्यकांत की बेंच के सामने रोहिंग्या शरणार्थियों को जबरन म्यांमार डिपोर्ट करने का मामला लेकर आए थे। उन्होंने कहा कि 43 रोहिंग्या शरणार्थियों को जबरन म्यांमार डिपोर्ट किया गया है। उन्हें अंडमान समुद्र में ड्रॉप कर दिया गया था, आज वो वार जोन में हैं। रोहिंग्या शरणार्थियों में बच्चे, महिलाएं और बीमार, बुजुर्ग भी शामिल थे।

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याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में यह भी आरोप लगाया कि रोहिंग्या रिफ्यूजी को बॉयोमीट्रिक डिटेल के लिए बुलाया गया। उन्हें नहीं छोड़ा गया, बल्कि जबरन देश के बाहर कर दिया गया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सबूत मांगे हैं।

First published on: May 16, 2025 03:42 PM

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