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‘न मिटाया जाए न लोड किया जाए…’, EVM डेटा पर सुप्रीम कोर्ट का चुनाव आयोग को बड़ा आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम डेटा को मिटाने और रखने को लेकर बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा कि सत्यापन के दौरान ईवीएम का डेटा न तो मिटाया जाए और न ही फिर से लोड किया जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने चुनाव आयोग से तकनीकी तौर पर एसओपी में संशोधन करने का प्रस्ताव भी दिया है।

Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: May 7, 2025 22:42
Supreme Court on EVM Data
Supreme Court on EVM Data

सुप्रीम कोर्ट में आज ईवीएम डेटा को लेकर सुनवाई हुई। इसके लिए एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर याचिका दायर की गई थी। याचिका में मांग की गई थी कि ईवीएम के सत्यापन के लिए चुनाव आयोग को मानक संचालन प्रकिया बनाने का निर्देश दिया जाए। इस पर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि यदि कोई उम्मीदवार मतगणना के सत्यापन की मांग करता है तो ईवीएम का डेटा नहीं हटाएगा।

इंजीनियर करेंगे सत्यापित

लाईव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार मामले की सुनवाई सीजेआई संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने की। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि सत्यापन करते समय ईवीएम में डेटा को न तो मिटाया जाए और न ही फिर से लोड किया जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने चुनाव आयोग को तकनीकी एसओपी में संशोधन करने का प्रस्ताव दिया।

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चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा पेश करते हुए कहा कि भारत इलेक्ट्रिकल लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के इंजीनियरों की ओर से डेटा का सत्यापन कराया जाएगा। इसके साथ ही कंपनी के इंजीनियर यह प्रमाण पत्र भी जारी करेंगे जिसमें लिखा होगा कि वे इस बात से संतुष्ट है कि माइक्रोकंट्रोलर और लोड किए गए सॉफ्टवेयर के साथ छेड़छाड़ नहीं की गई है।

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डाउनलोड कर सकेंगे मॉक पोल का डेटा

कोर्ट ने आगे कहा कि अगर कोई उम्मीदवार मॉक पोल कराना चाहता है तो वह ईवीएम में मौजूद डेटा को मिटाने के लिए रिक्वेस्ट कर सकता है। जोकि डेटा को सुरक्षित करने के बाद ही होगा। सुरक्षित किए गए डेटा को इंजीनियर प्रमाणित करेंगे। इसके बाद मॉक पोल का डेटा डाउनलोड किया जा सकेगा।

एडीआर ने की ये मांग

याचिका में एडीआर ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा 1 जून 2024 और 16 जुलाई 2024 को जारी की गई एसओपी में ईवीएम की जली हुई मेमोरी और सिंबल लोडिंग यूनिट की जांच और सत्यापन के लिए पर्याप्त दिशा-निर्देशों का अभाव था। इस पर चुनाव आयोग ने हलफनाम दायर कर एसओपी में बदलाव करने की बात कही है।

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Edited By

Rakesh Choudhary

First published on: May 07, 2025 09:44 PM

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