नई दिल्ली: ब्राजील जल रहा है। चुनाव में हार के बाद पूर्व राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो के सैकड़ों समर्थकों ने रविवार को बवाल काटा। सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति भवन में घुस गए और जमकर तोड़फोड़ की। इस हिंसा के बाद देश की सुप्रीम कोर्ट ने गवर्नर को निलंबित कर दिया है। साथ ही इसकी जांच का आदेश दिया है।
राष्ट्रपति भवन और सुप्रीम कोर्ट में घुंस गए उपद्रवी
लूला के राष्ट्रपति चुने जाने के खिलाफ रविवार को करीब 3000 समर्थक बोलसोनारो प्रदर्शनकारियों के राष्ट्रपति भवन, सुप्रीम कोर्ट और कांग्रेस में घुसने के बाद यह कार्रवाई की गई। पुलिस ने सरकारी इमारतों में घुसे उपद्रवियों को बाहर निकाल दिया है। सरकार ने कहा कि ये अचानक किए गए हमले की तरह है। पिछले हफ्ते राष्ट्रपति बने लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने इसे फासीवादी हमला बताया।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि ब्रासीलिया में सरकारी संस्थानों के खिलाफ दंगे और तोड़-फोड़ की खबरों से बेहद चिंतित हूं। लोकतांत्रिक परंपराओं का सभी को सम्मान करना चाहिए। हम ब्राजील के अधिकारियों को अपना पूरा समर्थन देते हैं।
Deeply concerned about the news of rioting and vandalism against the State institutions in Brasilia. Democratic traditions must be respected by everyone. We extend our full support to the Brazilian authorities: PM Narendra Modi pic.twitter.com/iFUD4KT99B
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) January 9, 2023
आम चुनाव में हार गए थे बोलसनारो
रविवार को प्रदर्शनकारियों का एक समूह हरे और पीले रंग के झंडे लेकर सरकारी संस्थानों के बाहर पहुंच गए। थोड़ी देर बाद भीड़ के रूप में पूर्व राष्ट्रपति के समर्थकों ने राष्ट्रपति भवन और सुप्रीम कोर्ट के मुख्यालय में घुसकर जमकर तोड़फोड़ की। ब्राजील में 30 अक्टूबर को हुए चुनाव में बोलसनारो की बुरी हार के बाद लूला को सत्ता संभालने से रोकने के लिए बोल्सनारो समर्थक हंगामा कर रहे हैं। लूला ने 1 जनवरी को तीसरे कार्यकाल के लिए ब्राजील के राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण किया और ब्राजील के 39वें राष्ट्रपति बने।
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