Supreme Court Hearing Full Statehood Jammu Kashmir : जम्मू-कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के फैसले को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुपीम कोर्ट में पिछले एक पखवाड़े से सुनवाई जारी है। इस बीच बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए विशिष्ट समयसीमा बताने में असमर्थ है।
वहीं, यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है। केंद्र का कहना है कि इसे पूर्ण राज्य बनाने के लिए विकास हो रहा है। केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव के लिए केंद्र सरकार तैयार है। यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने कहा कि मतदाता लिस्ट भी करीब करीब तैयार की जा चुकी है। जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा कब बहाल होगा? इस सवाल पर केंद्र सरकार ने कहा कि इसमें अभी व्यक्त लग सकता है।
केंद्र सरकार ने कहा कि पहली बार त्रिस्तरीय पंचायत राज प्रणाली शुरू की गई है। पंचायतों के लिए पहले चुनाव होंगे। जिला विकास परिषद के चुनाव पहले ही हो चुके हैं और लेह में भी चुनाव हो चुके हैं। करगिल पहाड़ी विकास परिषद-चुनाव इस महीने के अंत तक होंगे। इसके बाद नगर पालिका के चुनाव होंगे और फिर विधान सभा के चुनाव होते हैं।
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केंद्र सरकार ने कहा कि जहां तक कानून और व्यवस्था की बात है तो पत्थरबाज़ी आदि घटनाओं में 97.2 प्रतिशत की कमी आई है और सुरक्षाकर्मियों की मौत में 65.9 प्रतिशत की कमी हुई है। आंकड़े इस उद्देश्य से प्रासंगिक हैं कि कब चुनाव कराए जाएं।
इस मौके पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह (केंद्र सरकार) जम्मू-कश्मीर में किसी भी समय विधानसभा चुनाव के लिए तैयार है। उन्होंने यह जानकारी भी दी है कि राज्य में चुनाव के लिए मतदाता सूची भी तैयार है।
पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि वह कब जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देगी। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर हमेशा के लिए केंद्र शासित प्रदेश नहीं रहेगा और इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला स्थाई है।
तुषार मेहता ने यह जानकारी दी है कि लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश ही रहेगा, जिसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर को राज्य के रूप में बहाल करने के मुद्दे पर वह खुद केंद्र सरकार से बात करेंगे।
बता दें कि 2019 से जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश है और यहां पर तब से विधानसभा के चुनाव भी नहीं हुए है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी भी की थी कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली महत्वपूर्ण है।