---विज्ञापन---

देश

आपराधिक छवि वाले नेता नहीं लड़ पाएंगे चुनाव? सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई

Supreme Court of India : : सुप्रीम कोर्ट में राजनीति के अपराधीकरण के खिलाफ और आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को राजनीति में भाग लेने पर प्रतिबंधित लगाने की याचिका पर सुनवाई हुई है। कोर्ट ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग से तीन हफ्ते में जवाब देने के लिए कहा है।

Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Feb 10, 2025 14:56
Supreme Court vs Lokpal Order
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)।

Supreme Court of India : सुप्रीम कोर्ट में राजनीति के अपराधीकरण के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई है। इस याचिका में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को राजनीति में भाग लेने पर प्रतिबंधित लगाने की मांग की गई है। अब इस याचिका पर सुनवाई के लिए मामले को तीन जजों की बेंच के पास भेज दिया गया है। इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग से भी जवाब मांगा है। दोनों को तीन हफ्ते के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 4 मार्च को होगी।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने  निचली अदालतों में एमपी/एम एल ए कोर्ट में सुनवाई की रफ्तार धीमी होने पर चिंता जताई है। जस्टिस मनमोहन ने कहा कि दिल्ली की निचली अदालतों में उन्होंने देखा है कि एक या दो मैटर लगाए जाते हैं और जज 11 बजे तक अपने चैंबर में चले जाते हैं। वहीं एमाइकस ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि देश के दूसरे राज्यों मे बार बार सुनवाई टाल दी जाती है और सुनवाई टालने का कारण भी नहीं बताया जाता।

---विज्ञापन---

सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता

सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा कि बहुत से ऐसे राज्य हैं जहां अभी तक एमपी/एमएलए कोर्ट गठित ही नहीं की गई है। एमाइकस ने कोर्ट को सुझाव दिया कि क्या चुनाव आयोग ऐसा नियम नहीं बना सकता कि राजनीतिक पार्टियां गंभीर अपराध में सजा पाए लोगों को पार्टी पदाधिकारी नहीं नियुक्त कर सकती।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें : भयंकर हादसे में जिंदा बचे दो बच्चे, अहमदाबाद में कार के चिथड़े उड़े, कपल की मौत

बता दें कि याचिक को बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने दायर की है। अभी आपराधिक मामलों में दो साल या उससे अधिक की सजा होने और सजा की अवधि पूरी होने के 6 साल बाद तक चुनाव लड़ने पर रोक है। याचिकाकरर्ता की तरफ से कहा गया कि राजनीतिक दलों को यह बताना चाहिए कि वे स्वच्छ छवि वाले लोगो को क्यों नहीं ढूंढ पा रही है? दलील ये दी जाती है कि आरोपी एक सामाजिक कार्यकर्ता है जिसके खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए हैं।

HISTORY

Edited By

Avinash Tiwari

First published on: Feb 10, 2025 02:56 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें