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बच्चों की एडल्ट फिल्में देखना अपराध है या नहीं? पढ़ें सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

Supreme court on Watching child pornography: पेश मामले में मद्रास हाई कोर्ट के एक आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। मद्रास हाईकोर्ट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी को पॉक्सो और आईटी एक्ट के तहत क्राइम के दायरे से बाहर रखने का एक ऑर्डर दिया था।

Edited By : Amit Kasana | Updated: Apr 19, 2024 21:35
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Supreme Court of India
सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाकर रेप पीड़िता और उसकी मां को बड़ी राहत दी है।

Supreme court on Watching child pornography:  सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में स्पष्ट किया है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना अपराध नहीं है, लेकिन इस तरह की पोर्न फिल्मों में बच्चे का इस्तेमाल करना क्राइम की श्रेणी में आता है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की खंडपीठ ने शुक्रवार को एक मामले में सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की है।

मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को दी गई थी चुनौती

पेश मामले में मद्रास हाई कोर्ट के एक आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। बता दें मद्रास हाईकोर्ट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी को पॉक्सो और आईटी एक्ट के तहत क्राइम के दायरे से बाहर रखने का ऑर्डर दिया था। इसी ऑर्डर को दो एनजीओ जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन अलायंस और बचपन बचाओ आंदोलन ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी।

याचिककर्ता के वकील ने दिए ये तर्क

पेश याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत में तर्क रखा कि पॉक्सो एक्ट में अगर ऐसा कोई वीडियो या फोटो है तो उसे मोबाइल से तुरंत डिलीट किया जाना चाहिए। लेकिन इस मामले में आरोपी लगातार उस वीडियो को देख रहा था। आरोपी के पास 2 साल से ये वीडियो था। इस पर अदालत ने सवाल किया कि क्या फोन पर चाइल्ड पोर्न को रिसीव करना अपराध है? क्या वीडियो को दो साल तक अपने मोबाइल में रखना अपराध है?

ये हैं नियम

कानून में प्राइवेट में पोर्न देखना अपराध नहीं है। लेकिन पोर्न वीडियो या फोटो डाउनलोड कर उसे वायरल करना अपराध की श्रेणी में आता है। इसके लिए आईटी एक्ट की धारा 67, 67A, 67B के तहत ऐसा पहली बार करने पर 3 साल की जेल और 5 लाख रुपये का जुर्माना और दूसरी बार करने पर 5 साल की कैद और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगया जा सकता है।

ये भी जानें

देश में प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (POCSO) एक्ट में चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर सख्त सजा का प्रावधान है। इसमें कानून की धारा 14 के तहत बच्चों का अश्लील कंटेंट में यूज करने पर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।

First published on: Apr 19, 2024 09:35 PM

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