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‘आपके निर्देश मुश्किल…’; महिलाओं की सुरक्षा को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा?

Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को समाज में महिलाओं, बच्चों और ट्रांसजेंडर्स को सुरक्षित माहौल देने के निर्देश जारी करने को लेकर एक याचिका दायर हुई है। इसको लेकर न्यायालय ने सरकार को नोटिस जारी किया है। विस्तार से पूरे मामले के बारे में जानते हैं।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Dec 16, 2024 16:47
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Supreme Court

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को बच्चों, महिलाओं और ट्रांसजेंडर्स को समाज में सुरक्षित माहौल बनाने के निर्देश देने को लेकर एक याचिका दाखिल की गई है। याचिका पर न्यायालय विचार करने को सहमत हो गया है। जस्टिस सूर्यकांत और उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों को नोटिस जारी किए हैं। शीर्ष न्यायालय में सुप्रीम कोर्ट की महिला वकील एसोसिएशन की तरफ से सीनियर एडवोकेट महालक्ष्मी पावनी ने अपील की है। जिस पर अगली सुनवाई जनवरी 2025 में होगी। याचिका में महिला वकील ने कहा कि आज निर्भया कांड की 12वीं वर्षगांठ है। महिला वकील ने कोलकाता के अस्पताल में डॉक्टर से दरिंदगी किए जाने की घटना का भी जिक्र किया।

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कोर्ट को बताया कि कैसे महिला डॉक्टर को रेप के बाद मौत के घाट उतारा गया था। पावनी के मुताबिक इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद भी 95 ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। जो कम ही चर्चित हुए। इसलिए ऐसे मामलों में कठोर दंड मिलना चाहिए, तभी ये घटनाएं रुकेंगी। इस याचिका में महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए रेप के मामलों में दोषी ठहराए लोगों की रासायनिक नसबंदी (Chemical Sterilization) करने और पोर्नोग्राफी पर बैन लगाने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को जमानत नहीं दिए जाने की मांग पर नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब तलब किया है।

सार्वजनिक व्यवहार को लेकर की ये टिप्पणी

शीर्ष न्यायालय ने इस मामले में इन निर्देशों को लेकर काम करने वाले अटॉर्नी जनरल से भी मदद मांगी है। न्यायालय ने कहा कि इस याचिका में मांगे गए निर्देश कुछ हद तक मुश्किल हैं। लेकिन याचिका के ऊपर बसों, ट्रेनों, फ्लाइट्स और हवाई अड्डों पर सामाजिक व्यवहार को लेकर एक संहिता जरूर जारी की जा सकती है। इस मामले में चर्चा हो सकती है। सार्वजनिक परिवहन में उचित सामाजिक व्यवहार का पालन किया जाए, इसको लेकर कदम उठाए जा सकते हैं। अच्छा सामाजिक व्यवहार न केवल सिखाना जरूरी है, बल्कि इसका सख्ती से पालन करना भी जरूरी है। सार्वजनिक परिवहन के साधनों में भी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Dec 16, 2024 04:47 PM

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