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कर्नाटक धर्मस्थल कांड की पलटी कहानी… शिकायतकर्ता अरेस्ट, बेटी का दावा निकला झूठा

कर्नाटक धर्मस्थल कांड में एसआईटी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। बताया कांड पूरी तरफ से झूठा था। धर्मस्थल को बदनाम करने के लिए वहां शवों को दफनाने का आरोप गलत है। जानिए पूरी सच्चाई।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Raghav Tiwari Updated: Aug 23, 2025 18:59
कर्नाटक में धर्मस्थल कांड झूठा निकला।
कर्नाटक में धर्मस्थल कांड झूठा निकला।

Karnataka News: कर्नाटक धर्मस्थल कांड धीरे-धीरे पूरे देश में चर्चित होने लगा है। कांड में एसआईटी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। बताया यह कांड पूरी तरफ से झूठा था। धर्मस्थल को बदनाम करने के लिए वहां शवों को दफनाने का आरोप गलत है। पुलिस ने शिकायतकर्ता चिन्नया को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपों के चलते पुलिस ने पुजारी को गिरफ्तार कर लिया था। वहीं बेटी के गायब होने का दावा करने वाली सुजाता भट्ट ने भी अपनी शिकायत वापस ले ली है। कहा कि उन्होंने गलत शिकायत दर्ज कराई थी, उनकी कोई बेटी ही नहीं है।

कैसे शुरू हुआ पूरा मामला?

गत 3 जुलाई को कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में एक मंदिर के एक पूर्व सफाईकर्मी चिन्नया ने एसपी को 6 पन्नों का शिकायत पत्र दिया था। उसने आरोप लगाया था कि 800 साल पुराने श्री धर्मस्थल मंजूनाथेश्वर मंदिर में साल 1995 से 2014 के बीच उसने मंदिर प्रशासन के कहने पर सैकड़ों लोगों को दफनाया था। इसमें कई महिलाएं और युवतियां भी शामिल थीं। पूर्व सफाईकर्मी ने कथित हत्या के साथ यौन शोषण का भी आरोप लगाया था। मामला तब और गंभीर हो गया जब सुजाता भट्ट ने आरोप लगाया कि साल 2003 में उसी मंदिर से उनकी बेटी गायब हो गई थी।

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मंदिर के समर्थन में हुईं थी रैलियां

धर्मस्थल लोगों की बड़ी आस्था का प्रतीक है। जब मंदिर के ऊपर ऐसे आरोप लगे तो माहौल गरमा गया। वहीं दूसरी ओर कर्नाटक में लोगों ने मंदिर के पक्ष में रैलियां निकालीं। चिक्कमगलूरु, कोप्पल, यादगिर, मैसूरु और कलबुर्गी जैसे शहरों में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। इनमें श्रद्धालुओं के साथ समुदाय के नेता और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी शामिल हुए।

बेटी नहीं संपत्ति के लिए की थी शिकायत

पुलिस की जांच में पता चला कि कथित बेटी अनन्या का किसी कॉलेज में नाम नहीं मिला। पुराने परिचितों और रिश्तेदारों को भी अनन्या के बारे में कुछ पता नहीं था। बाद में सुजाता ने कबूल किया कि उसकी कोई बेटी नहीं है। एक साक्षात्कार में सुजाता ने कहा कि उन्होंने मीडिया को एक फर्जी तस्वीर जारी की थी। कहा कि मंदिर प्रशासन ने कथित तौर पर उसके दादा की संपत्ति पर कब्जा किया था। इसलिए उन्होंने कथित बेटी के गायब होने की कहानी गढ़ी। हालांकि बाद में सुजाता ने कर्नाटक के लोगों से माफी मांगी है।

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‘हिंदू मंदिरों को बदनाम करना चाहते थे’

धर्मस्थल मामले पर कर्नाटक विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष एमएलसी चलवाडी नारायणस्वामी ने कहा कि मुख्य षड्यंत्रकारी नकाबपोश चिन्नया ने अब अपना नकाब उतार दिया है। एसआईटी ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और अदालत में पेश किया है। इसके पीछे एक बड़ी साजिश है। वे हिंदू मंदिरों और नाटकाधिकारी को भी बदनाम करना चाहते थे। जो लोग ड्रामास्थल मुद्दे पर ब्लैकमेल करने के लिए एक समूह बनाने के लिए एकजुट हो रहे हैं, उनके झूठ का पर्दाफाश हो गया है। हर कोई कांग्रेस सरकार पर संदेह कर रहा है क्योंकि वे भी इसमें शामिल है।

First published on: Aug 23, 2025 06:36 PM

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