Akhilesh Yadav in Lok Sabha: लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने चर्चा में हिस्सा लिया। इस दौरान वह पूरी तरह से राहुल गांधी के मुद्दों पर उनका समर्थन करते नजर आए, जबकि सत्ता पक्ष ने विपक्षी गुट INDIA के भीतर टकराव होने की बात की। जिस पर यादव ने जवाब दिया कि उनकी “साइकिल ट्रैक” पर है।
गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान INDIA गुट के भीतर अलगाव देखने को मिला और विपक्षी गुट के दल एक दूसरे पर ही निशाना साधते नजर आए। INDIA गुट के प्रमुख दल समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव कांग्रेस के बजाय आम आदमी पार्टी की ओर से चुनाव प्रचार करने नजर आए थे। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर किए तिखे प्रहार भी किए, लेकिन मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान वह पूरी तरह कांग्रेस के समर्थन में दिखे और सत्ता पक्ष को करारा जवाब दिया।
लोकसभा में विपक्षी गुट में दिखा तनाव
एक समय आज लोकसभा में विपक्षी गुट INDIA के भीतर तनाव भी देखने को मिला, जब अखिलेश यादव ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस से खुद को अलग करते हुए भाजपा की आलोचना की। अभिभाषण पर चर्चा के दौरान बोलते हुए उन्होंने 1991 के आर्थिक सुधारों के बाद विनिर्माण क्षेत्र पर ध्यान देने की कमी को लेकर सरकार की आलोचना की, तो स्पीकर ओम बिड़ला चुटकी लेने से खुद को रोक नहीं पाए, जिस पर यादव ने जवाब दिया कि उनकी “साइकिल ट्रैक” पर है।
चीन को लेकर भाजपा पर कसा तंज
वहीं, चीन सीमा पर तनाव के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस दोनों की अपनी-अपनी राय है। कांग्रेस के दौर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “एक समय में हमने लाखों एकड़ जमीन (चीन के हाथों) खो दी थी। भाजपा अब उसी राह पर चल रही है। लेकिन भाजपा यह भी नहीं मानती कि चीन ने कब्जा किया है।” अखिलेश यादव की यह टिप्पणी विपक्ष के नेता कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के उस दावे के एक दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सेना ने कहा है कि चीनी भारतीय क्षेत्र में घुस आए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि अगर भारत ने अपनी जमीन खोई है तो वह 1962 के युद्ध के दौरान खोई है, जब कांग्रेस सत्ता में थी।
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‘क्या आप उन्हें ज्ञान दे रहे हैं’
इस पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच टकराव का दावा किया। इसके जबाव में यादव ने कहा, “कोई टकराव नहीं है, आपके डबल इंजन की तरह यहां कुछ नहीं है।” बता दें कि सोमवार को राहुल गांधी की तरह समाजवादी पार्टी के प्रमुख ने भी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में चीन के बढ़ते प्रभाव के बारे में बात की थी, लेकिन बाद में इतिहास की ओर लौट गए। पूर्व पीएम पीवी नरसिंह राव के कार्यकाल के दौरान 1991 के आर्थिक सुधारों का जिक्र करते हुए यादव ने कहा, “जब हमारा बाजार खोला गया था, तो उस वक्त क्या स्थिति थी यह अर्थशास्त्री मुझसे बेहतर समझते हैं, लेकिन मैं समझता हूं कि जब हमारा बाजार खोला गया, तो अर्थव्यवस्था पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया। विनिर्माण क्षेत्र को उतनी जिम्मेदारी से नहीं संभाला गया, जितनी उसे संभालनी चाहिए थी। अगर ऐसा होता, तो शायद हम चीन से आगे निकल जाते।” यह टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आर्थिक सुधारों के समय कांग्रेस सत्ता में थी। यादव ने आगे कहा, “क्या आप उन्हें ज्ञान दे रहे हैं?” यादव ने मुस्कुराते हुए कहा, “हमारा ट्रैक वही है, साइकिल वाला।”
कांग्रेस से मैं कहना चाहूंगा कि हम आपके साथी हैं: अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी प्रमुख ने जातिगत सर्वेक्षण की अपनी मांग दोहराते हुए कहा कि एक समय था जब कांग्रेस इस मांग का समर्थन नहीं करती थी। उन्होंने कहा, “आरक्षण को मजबूत करने के लिए जातिगत सर्वेक्षण होना चाहिए। अब कांग्रेस भी इसका समर्थन करती है। एक समय था जब कांग्रेस इसका समर्थन नहीं करती थी। अगर कांग्रेस ने तब इसका समर्थन किया होता तो हमें अब इसके लिए कहने की जरूरत नहीं पड़ती। मैं कांग्रेस के अपने दोस्तों से कहना चाहता हूं कि हम आपके साथ हैं और इस मुद्दे पर हम न सिर्फ आपका समर्थन करेंगे बल्कि नेतृत्व भी करेंगे। जातिगत सर्वेक्षण को कोई नहीं रोक सकता। एक सवाल और बड़ा उठा है, नौकरी को लेकर रोजगार को लेकर भारत की मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा कैसे दिया। चीन केवल एक जगह हमारे ऊपर हमला नहीं कर रहा है, जमीन भी छीन रहा है और रोजगार भी छीन रहा है। अगर कांग्रेस पार्टी का वो रास्ता था तो आपका रास्ता क्यों है। मैं जानता हूं अगर उनके सहयोगी साथी समझ जाएंगे तो वो भी साथ छोड़ जाएंगे।”
अखिलेश ने सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, “सरकार लगातार बजट के आंकड़े दे रही है। आंकड़ें देने से पहले लेकिन महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दे। मैं मांग करता हूं कि महाकुंभ की व्यवस्थाओं के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए। महाकुंभ आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए। महाकुंभ हादसे में हुई मौतों, घायलों के इलाज, दवाइयों, डॉक्टरों, भोजन, पानी, परिवहन की उपलब्धता के आंकड़े संसद में पेश किए जाएं। महाकुंभ भगदड़ के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई हो और सच्चाई छिपाने वालों को सजा मिले। हम डबल इंजन सरकार से पूछते हैं कि अगर कोई दोष नहीं था तो आंकड़े क्यों दबाए गए, छिपाए गए और मिटाए गए?”
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