Karnataka CM Race: कर्नाटक में कांग्रेस की प्रचंड जीत के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर सस्पेंस बना हुआ है। मुख्य दावेदारों में एक सिद्धारमैया दिल्ली पहुंच चुके हैं जबकि कर्नाटक कांग्रेस के चीफ डीके शिवकुमार राज्य में ही जमे हुए हैं। उनका कहना है कि मुझे जो पार्टी के लिए करना था, मैं कर चुका हूं, अब सब आलाकमान तय करेगा।
उधर, तीन पर्यवेक्षकों की टीम भी दिल्ली पहुंच गई है। अब कर्नाटक का मुख्यमंत्री कौन होगा, इसकी घोषणा दिल्ली से होगी। बताया जा रहा है कि आखिरी फैसला कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी की टीम करेगी।
कर्नाटक के एआईसीसी पर्यवेक्षक- सुशील कुमार शिंदे, दीपक बावरिया और भंवर जितेंद्र सिंह सोमवार दोपहर बाद दिल्ली पहुंचे। इसके बाद भंवर जितेंद्र सिंह ने कहा कि हमने कल रात विधायकों से 4-5 घंटे चर्चा की और उनकी राय ली। हम अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंपेंगे।
वहीं, दिल्ली में मौजूद कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि पर्यवेक्षक आज रात तक अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंप देंगे. हम जल्द ही कर्नाटक में सरकार बनाएंगे।
#WATCH | We held a 4-5 hour-long discussion with MLAs last night and took their opinion. We will submit our report to party president Mallikarjun Kharge: Bhanwar Jitendra Singh, AICC observer for Karnataka pic.twitter.com/jL776Wuj6K
— ANI (@ANI) May 15, 2023
आज हो सकता है मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान!
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान आज ही हो सकता है। रविवार देर रात तक बेंगलुरु में हुई बैठक के बाद रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इस मामले में पार्टी देर नहीं करेगी।
बता दें कि डीके शिवकुमार का आज जन्मदिन है। वे आज 61 साल के हो गए। उन्होंने कहा कि आज मेरा जन्मदिन है। इस मौके पर एक पूजा आयोजित की जाएगी और मैं मंदिर जाऊंगा। मुझे जो भी काम सौंपा जाएगा, मैं उसे स्वीकार करूंगा। मेरा जन्मदिन का उपहार 135 विधायक हैं।
"We have passed a one-line resolution. We will leave it to the party high command. I have not decided to go to Delhi. I have done whatever job I have to do": KPCC chief DK Shivakumar on the decision on Karnataka CM#Karnataka pic.twitter.com/hGDDNvgQUg
— ANI (@ANI) May 15, 2023
शिवकुमार के समर्थक बोले- उन्हें सीएम बनाना चाहिए
इससे पहले सोमवार सुबह शिवकुमार ने समर्थकों से मुलाकात की, जो उन्हें जन्मदिन की बधाई देने के लिए बेंगलुरु में उनके आवास के बाहर एकत्र हुए थे। इस दौरान शिवकुमार के एक समर्थक समशीर बेग ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि केपीसीसी प्रमुख डीके शिवकुमार को सीएम बनना चाहिए क्योंकि किसी और ने उनकी तरह मेहनत नहीं की। कर्नाटक को डीके शिवकुमार जैसे सीएम की जरूरत है। सिद्धारमैया पहले सीएम बन गए थे, अगर डीके शिवकुमार सीएम बने, तो वे सभी वादों को पूरा करेंगे।
कांग्रेस नेता को बधाई देने के लिए सैकड़ों कांग्रेस समर्थक केक लेकर घंटों इंतजार करते रहे। शिवकुमार को माल्यार्पण कर पुष्पगुच्छ प्रदान किया गया। इस दौरान डीके शिवकुमार ने कहा, “मेरा जीवन कर्नाटक के लोगों की सेवा करने के लिए समर्पित है। मेरे जन्मदिन की पूर्व संध्या पर, कर्नाटक के लोगों ने मुझे सबसे अच्छा जन्मदिन का उपहार दिया। मेरे कांग्रेस परिवार को उनकी हार्दिक बधाई के लिए धन्यवाद।”
My life is dedicated to serving the people of Karnataka.
On the eve of my birthday, the people of Karnataka gave me the best birthday gift possible.
Thanks to my Congress family for their warm greetings. #JaiKarnataka pic.twitter.com/j6RP30vX8k
— DK Shivakumar (@DKShivakumar) May 14, 2023
पार्टी की ओर से नियुक्त तीन पर्यवेक्षक भी पहुंचे दिल्ली
कांग्रेस के सीनियर नेता रणदीप सुरजेवाला, केसी वेणुगोपाल और मुख्यमंत्री नियुक्त करने की प्रक्रिया की निगरानी के लिए पार्टी की ओर से नियुक्त तीन पर्यवेक्षक भी आज दिल्ली आएंगे। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम सुशील कुमार शिंदे, पूर्व महासचिव दीपक बावरिया और वर्तमान महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह को एआईसीसी की ओर से कर्नाटक में पर्यवेक्षक बनाया गया है। तीनों पर्यवेक्षक पहले ही दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं जहां वे कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को रिपोर्ट सौंपेंगे।
डीके शिवकुमार के लिए जोर लगा रहा वोक्कालिगा समुदाय
कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की दौड़ के बीच वोक्कालिगा समुदाय डीके शिवकुमार के लिए जोर लगा रहा है। वोक्कालिगा, एक प्रभावशाली और लिंगायतों के बाद दूसरी सबसे प्रभावशाली जाति है और कर्नाटक की आबादी का 16 प्रतिशत हिस्सा है।
गुरुवार को डीके शिवकुमार ने तुमकुरु में लिंगायत मठ के द्रष्टा सिद्धगंगा मठ से भी मुलाकात की थी। दशकों तक भाजपा का समर्थन करने वाला लिंगायत समुदाय का वोट इस बार के कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस में शिफ्ट हो गया। ये बड़ा बदलाव उन प्रमुख कारणों में से एक है जिसके कारण कांग्रेस की कर्नाटक में बंपर जीत हुई है।