---विज्ञापन---

देश

थर्र-थर्र कांपेंगे पाकिस्तान और चीन, दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में सेना ने तैनात किया ये खास वाहन

मेक इन इंडिया मुहिम का असर लगातार दिख रहा है। आज भारतीय सेना न केवल स्वदेशी आर्म्स का प्रयोग कर रही है, बल्कि ये हथियार अफ्रीकी देशों को भी बेचे जा रहे हैं। भारतीय सेना की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है। भारतीय सेना सुपर लग्जरी व्हीकल्स बना रही है। एक और खास बात के बारे में जान लेते हैं।

Author Written By: Pawan Mishra Author Edited By : Parmod chaudhary Updated: Apr 17, 2025 21:07
kapidhwaj

एक समय ऐसा था जब भारतीय सेना को एक सुई की भी जरूरत पड़ती थी तो वह विदेशों पर निर्भर करती थी, लेकिन आज हालात बदल चुके हैं। भारतीय सेना 80 प्रतिशत मेक इन इंडिया बने आर्म्स का इस्तेमाल कर रही है। इसके अलावा कई अफ्रीकी देशों में इंडियन आर्म्स बेचे भी जा रहे हैं। इसका नतीजा है कि भारतीय सेना की ताकत में दिनोंदिन इजाफा होता जा रहा है। सियाचिन ग्लेशियर दुनिया का सबसे ऊंचा रणक्षेत्र है। सिर्फ आर्म्स ही नहीं, टेक्नोलॉजी और उपकरणों को भी सुपर लग्जरी बनाया जा रहा है। इसी कड़ी में सेना ने सियाचिन ग्लेशियर जैसी दुर्गम और बर्फ से ढकी जगहों पर अपनी ताकत में इजाफा करने के लिए एक खास वाहन को शामिल किया है। इस वाहन का नाम कपिध्वज है, जो सेना के लिए रीढ़ की हड्डी की तरह मदद पहुंचाने में लगा हुआ है।

न्यूज24 को मिली जानकारी के मुताबिक कपिध्वज वाहन में कई खासियतें हैं। किसी भी परिस्थिति और किसी भी मौसम में यह चल सकता है, चाहे पहाड़ी इलाका या बर्फीला। चाहे मरुभूमि हो या फिर छोटी नदी को पार करना हो, यह विषम परिस्थितियों में अपने ऊपर लगभग 1200 किलो वजन उठाकर सुरक्षित जगह ले जा सकता है। साथ ही लॉजिस्टिक सपोर्ट और ऑपरेशन में मदद के लिए सेना के लिए बहुत ही काम का साबित हो रहा है। यह वाहन ATOR N1200 है। सबसे बड़ी बात है कि यह सिर्फ एक मशीन नहीं है, बल्कि भारत की ताकत और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।

---विज्ञापन---

8 सैनिकों को ले जाने की क्षमता

कपिध्वज को JSW डिफेंस और Copato लिमिटेड द्वारा मुश्किल परिस्थितियों के लिए बनाया गया है। यह करीब 4 मीटर लंबा, 2.6 मीटर चौड़ा और लगभग 3 मीटर ऊंचा है। इसमें 1.8 मीटर के टायर हैं। इन टायरों में विशेष ट्रेड होते हैं, जो बर्फ, कीचड़ और नरम जमीन को पकड़ते हैं, जिसकी वजह से यह फंसते नहीं हैं। इसके साथ ही ये टायर वाहन को एक छोटी नाव की तरह पानी में चलने में भी मददगार हैं। कपिध्वज का वजन 2400 किलोग्राम है, जो 1200 किलोग्राम की क्षमता का सामान ले जा सकता है। इसके अलावा 2350 किलोग्राम वजन खींच सकता है। इसमें 8 सैनिकों और एक ड्राइवर के बैठने की क्षमता है।

यह भी पढ़ें:महाराष्ट्र में पहली से 5वीं कक्षा तक हिंदी अनिवार्य, भड़के राज ठाकरे; सरकार को दी ये चेतावनी

यह भी पढ़ें:गुजरात के इस जिले में बड़ा हादसा, बस और ऑटोरिक्शा के बीच टक्कर; 6 लोगों की मौत

First published on: Apr 17, 2025 08:59 PM

संबंधित खबरें