Sharma Family Turned out Siddiqui Family: कर्नाटक के बेंगुलरु से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक रविवार को शर्मा परिवार की पहचान से रह रहे चार पाकिस्तानी नागरिकों को पुलिस ने पकड़ा है। पुलिस के अनुसार यह परिवार 2018 से भारत में रह रहा है। पुलिस ने खुफिया अधिकारियों से मिली रिपोर्ट के आधार पर ये कार्रवाई की है।
प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि पाकिस्तानी नागरिक की पत्नी बांग्लादेश से है और वे पहले ढाका में रहते थे। रविवार को जब पुलिस ने घर में दबिश दी तो परिवार पैकिंग करने में बिजी था। पूछताछ में सिद्दीकी ने खुद को शर्मा बताया और कहा कि वे 2018 से ही बेंगुलरु में रह रहे थे। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने बताया कि पकड़े गए पाकिस्तानी नागरिक 48 साल के राशिद अली सिद्दीकी, 38 साल की आएशा, महिला के माता-पिता हनीफ मोहम्मद 78 और 61 साल की रुबीना गांव में रह रहे थे।
घर में थीं मौलवियों की तस्वीरें
पुलिस ने बताया कि बेंगलुरु में परिवार शंकर शर्मा, आशा रानी, रामबाबू शर्मा और रानी शर्मा के नाम से रह रहा था। जांच के दौरान चारों ने आधार कार्ड और पासपोर्ट भी पुलिस को दिखाए। रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने घर में मक्का-मदीना और मेहंदी फाउंडेशन इंटरनेशनल जश्न-ए-यूनुस दीवार पर लिखा मिला था। इसके अलावा घर में कुछ मौलवियों की तस्वीरें भी थीं।
ये भी पढ़ेंः यौन उत्पीड़न मामले में ओला को देना होगा 5 लाख का मुआवजा, ड्राइवर ने महिला से कैब में किया था दुष्कर्म
पाकिस्तान में उत्पीड़न के बाद गया बांग्लादेश
पूछताछ में राशिद सिद्दीकी ने बताया कि वे पाकिस्तान के लियाकताबाद से हैं। वहीं उनकी पत्नी और परिवार लाहौर से है। उन्होंने बताया कि साल 2011 में एक ऑनलाइन समारोह में उन्होंने शादी की थी। तब वह बांग्लादेश में अपने परिवार के साथ थीं। सिद्दीकी ने बताया पाकिस्तान में उत्पीड़न के बाद उन्हें बांग्लादेश जाना पड़ा था।
ये भी पढ़ेंः बेवकूफ ब्वॉयफ्रेंड! गर्लफ्रेंड को रुक नहीं रही थी ब्लीडिंग..इंटरनेट पर इलाज ढूंढता रहा, हुई मौत
ऐसे पहुंचा भारत
जब सिद्दीकी बांग्लादेश शिफ्ट हुआ तो वह वहां पर उपदेशक था। साल 2014 में सिद्दीकी को बांग्लादेश में निशाना बनाया जाने लगा। इसके बाद उन्होंने परवेज नाम के मेहंदी फाउंडेशन से संपर्क किया और भारत में आकर रहने लगा। सिद्दीकी ने पुलिस को बताया कि वे पश्चिम बंगाल में मालदा के जरिए भारत पहुंचे थे। भारत आने के बाद कुछ दिनों तक वे दिल्ली में रहे, इसके बाद वे बेंगलुरु जाकर रहने लगे। भारत में रहकर सिद्दीकी ऑयल सप्लाई और खाने की चीजें बेचने का काम करता था।