Shankaracharya Tells Why Ram Mandir Is Incomplete : उत्तराखंड ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने बीते दिनों यह कह कर विवाद खड़ा कर दिया था कि राम मंदिर पूरा नहीं है और इस वजह से वह इसके उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। अब रविवार को उन्होंने इसका कारण बताया है।
According to our 'Shastra,' the 'Pratishtha' should only happen once the temple is properly constructed. Therefore, it's not suitable for me to attend Ram Mandir Pran Pratishtha Ceremony
---विज्ञापन---— Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand pic.twitter.com/fy1UoNCIhi
— Satyam Patel | 𝕏… (@SatyamInsights) January 14, 2024
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शंकराचार्य ने कहा कि मंदिर भगवान का शरीर होता है। उसकी चोटी भगवान की आंखों और कलश उनके सिर का प्रतीक होता है। मंदिर पर लगा ध्वज उनके बाल होते हैं। उन्होंने कहा कि बिना आंख या सिर के शरीर में प्राण प्रतिष्ठा करना सही नहीं होगा। यह धर्म ग्रंथों के खिलाफ होगा। इसीलिए मैंने अयोध्या न जाने का निर्णय लिया है।
अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि मंदिर का निर्माण कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है। हमारे शास्त्रों के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा तभी होनी चाहिए जब मंदिर पूरी तरह से बन गया हो। ऐसे में इस कार्यक्रम में शामिल होना मेरे लिए ठीक नहीं होगा।
मंदिर निर्माण पूरा हो जाए तब हो जश्न
उन्होंने कहा कि अगर मैं अयोध्या जाऊंगा तो लोग कहेंगे कि मेरे सामने धर्म ग्रंथों में बताई बातों का उल्लंघन किया गया। मैंने अयोध्या ट्रस्ट के सदस्यों के साथ संबंधित लोगों के सामने यह मुद्दा उठाया है कि जश्न तब मनाया जाना चाहिए जब मंदिर का निर्माण पूरा हो गया हो। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने आगे कहा कि इस पर चर्चा हो रही है।
चारों शंकराचार्य रहेंगे अयोध्या से दूर
इस समय बड़ा विवाद यह चल रहा है कि चारों शंकराचार्य 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेंगे। चार शंकराचार्य उत्तराखंड, ओडिशा, कर्नाटक और गुजरात में होते हैं। पुरी के शंकराचार्य गोवर्धनपीठ स्वामी निश्चलानंद सरस्वती, गुजरात के सदानंद सरस्वती और कर्नाटक के भारती तीर्थ भी इसमें नहीं आएंगे।
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