दृश्यम फिल्म की कहानी एक कत्ल को छिपाने की कोशिशों पर है, वहीं एनिमल मूवी एक बच्चे से दूर होते पिता के मानसिक द्वंद्व पर बनी है। हसीन दिलरुबा पति पत्नी और वो की कहानी है, जो आजकल रियल खबरों में भी छाई है। मेरठ की विवाहिता मुस्कान ने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर अपने पति की हत्या कर दी।
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने कबूला कि सौरभ को मारने का आइडिया विक्रम मैसी की फिल्म हसीन दिलरूबा देखकर आया था। उसमें विवाहिता अपने प्रेमी से संबंध बनाती है और उसी को मारने की साजिश में पति का साथ देती है। ऐसा पहली बार नहीं है, जब फिल्मी कहानी से किसी ने रियल क्राइम करने के बारे में सोचा। हॉलीवुड सीरीज मनी हाइस्टस को देखने के बाद काफी लोग बड़ी चोरी की प्लानिंग कर चुके होंगे और यकीनन पकड़े भी गए होंगे।
5 साल तक पुलिस से बचा रहा क्रिमिनल
दृश्यम की कहानी जुर्म की दुनिया में लगातार इस्तेमाल की जा रही है। बेंगलुरू में एक शख्स ने अपनी पत्नी को मौत के घाट उतारा और फिर ‘दृश्यम’ फिल्म से हिंट लेते हुए ऐसी चाल चली की वो 5 साल तक पुलिस से बचा रहा। फिल्म ‘दृश्यम’ की तरह नागपुर में भी एक हत्या होती है और शव गायब हो जाता है। एक के बाद एक कड़ियां जोड़ते हुए पुलिस बहुत मुश्किल से हत्यारे तक पहुंच पाती है।
बदनाम आश्रम
एमएक्स प्लेयर पर स्ट्रीम वेबसीरीज बदनाम आश्रम के तीसरे सीजन के पार्ट टू में दिखाया गया है कि रेप पीड़िता पम्मी की शिकायत पर जब बाबा निराला को गिरफ्तार कर केस चलाया जाता है जो केवल डाक्टर के एक जाली सर्टिफिकेट के भरोसे वो अदालत में यह साबित करने में कामयाब हो जाता है कि वो नंपुसक है, रेप नहीं कर सकता। इसपर अदालत उसे बाइज्जत बरी करते हुए रेप पीड़िता को ही जेल में बंद करने का आदेश देती है। ऐसी कहानियां भी युवाओं को गलत मैसेज देती हैं कि दुष्कर्म के बाद भी ऐसे कृत्यों से सजा से बचा जा सकता है।
कमाई पर भी हैरानी
हैरानीजनक बात तो यह है कि पैट्रर्न पर बनीं ऐसी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर पसंद भी की जाती हैं। कमाई के आंकड़े इसका सबूत हैं। दृश्यम और हसीन दिलरूबा, दोनों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर पसंद की गई थीं। दोनों के सीक्वल बने और अब तीसरा भाग बनने जा रहा है। आश्रम सीरीज भी ओटीटी पर काफी पसंद की जाने वाली वेबसीरीज है, जिसके तीन सीजन रिलीज हो चुके हैं। चौथा आने की अटकलें हैं।
जिम्मेदार बनें सेंसर बोर्ड
कुलमिलाकर पहले बॉलीवुड की अच्छी चीजों को कॉपी करने का शगल अब कहानी को रियल को दोहराने पर भी पहुंच चुका है। ऐसे में जिम्मेदारी सेंसर बोर्ड की भी बढ़ती है, जिन्हें वल्गर कमेंट और न्यूड सीन के साथ मूवी के थीम पर विचार करने की जरूरत है।
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