मुंबई: शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे और संजय राउत सोमवार को मुंबई की एक मजिस्ट्रेट अदालत में पेश हुए। जहां संजय राउत फिजिकली अदालत में पेश हुए तो वहीं उद्धव ठाकरे को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) के जरिए पेश होने की अनुमति दी गई। दोनों ने अदालत में पेश होकर मानहानि मामले में खुद को निर्दोष बताया। सुनवाई की अगली तारीख 14 सितंबर तय की गई है।
क्या है मामला?
दरअसल, शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रतिद्वंद्वी गुट और मुंबई दक्षिण-मध्य निर्वाचन क्षेत्र से सांसद शेवाले पर एक लेख छपा था, जिस पर शेवाले ने आपत्ति जताते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। अधिवक्ता चित्रा सालुंखे के माध्यम से दायर की गई शिकायत में शेवाले ने 29 दिसंबर, 2022 को प्रकाशित ‘राहुल शेवाले का कराची में होटल, रियल एस्टेट व्यवसाय है’ शीर्षक वाले लेख पर आपत्ति जताई थी। शिकायतकर्ता ने सभी आरोपों का खंडन किया था। उन्होंने कहा कि यह आम जनता के सामने छवि खराब करने के लिए झूठे आरोप लगाकर प्रतिष्ठा और राजनीतिक करियर को नुकसान पहुंचाने का एक प्रयास है।
#WATCH | Sanjay Raut appeared before a magistrate court in Mumbai, earlier today.
Uddhav Thackeray and Sanjay Raut were allowed bail by a magistrate court in Mumbai for Rs 15,000 each in a defamation case filed by Shivsena MP Rahul Shewale for an article agaisnt him in Saamna… pic.twitter.com/MgA2HAZKDj
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) August 21, 2023
‘मनगढ़ंत कहानी’ और ‘प्रतिशोध की पत्रकारिता’ का उदाहरण
शिकायत में कहा गया कि लेख एक ‘मनगढ़ंत कहानी’ और ‘प्रतिशोध की पत्रकारिता’ का उदाहरण है। सालुंखे ने कहा- “अगर आप कहते हैं कि उनका पाकिस्तान में रियल एस्टेट कारोबार है, तो इसका मतलब है कि उनके उस देश के साथ अच्छे संबंध हैं। यह बेहद अपमानजनक है। उन्हें इससे राजनीतिक रूप से नुकसान उठाना पड़ा। उनके दोस्तों और समर्थकों ने इस पर सवाल उठाए।” मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (सिवड़ी अदालत) ने इसके बाद उद्धव ठाकरे और संजय राउत को समन जारी किया था। बाद में मजिस्ट्रेट अदालत ने उद्धव ठाकरे और संजय राउत को 15,000 रुपये की जमानत की अनुमति दी थी।
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इन धाराओं में कार्रवाई की मांग
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिव सेना गुट के नेता शेवाले ने ‘अपमानजनक लेख’ प्रकाशित करने के लिए दोनों नेताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि की सजा) और 501 (मानहानि करने वाली बात को जानते हुए छापना या उकेरना) के तहत कार्रवाई की मांग की है। ठाकरे सामना के मुख्य संपादक हैं, वहीं राउत इसके कार्यकारी संपादक हैं।
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