Civil Defence Mock Drill: 22 अप्रैल कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ लिए गए एक्शन और पाकिस्तान के रिएक्शन से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। ऐसे में दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंकाएं भी बढ़ने लगी हैं। इसके चलते भारत में 7 मई को 244 जिलों के 259 में मॉक ड्रिल कराई जा रही है, जिससे युद्ध के समय आम नागरिक खुद को सुरक्षित रख सकें।
भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति, विशेष रूप से हवाई हमले, जैसे पारंपरिक बमबारी या परमाणु हमले, एक गंभीर आपातकाल पैदा कर सकती है। ऐसी स्थिति में सेफ्टी के लिए सेफ प्लेस की तलाश काफी आवश्यक है।
हमारे घर के आसपास भी कुछ ऐसे स्थान हैं, जहां पर हवाई हमलों की स्थिति में जाया जा सकता है। भारत में विशेष रूप से परमाणु हमलों के लिए डिजाइन किए गए सार्वजनिक शेल्टर सीमित हैं, लेकिन कुछ भूमिगत मेट्रो स्टेशन, मजबूत बेसमेंट, प्राकृतिक गुफाएं,और सैन्य बंकर हवाई हमलों से काफी हद तक सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशन हैं सेफ प्लेस
2025 तक, भारत में 23 शहरों में मेट्रो रेल सेवाएं संचालित हैं या निर्माणाधीन हैं। इनमें दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरू, हैदराबाद, जयपुर, लखनऊ, नोएडा-ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, नागपुर, कानपुर, कोच्चि, अहमदाबाद, पुणे, सूरत, आगरा, भोपाल, इंदौर, नवी मुंबई, पटना, मेरठ, और विशाखापट्टनम शामिल हैं।
इनमें से कई शहरों के कुछ मेट्रो स्टेशन पर्याप्त गहरे (15-30 मीटर) हैं, जो हवाई हमलों से काफी हद तक प्रदान कर सकते हैं। दिल्ली के चावड़ी बाजार, राजीव चौक, हौज खास आदि जगहों के मेट्रो स्टेशन और कोलकाता के दमदम, एस्प्लेनेड, चेन्नई के अन्ना नगर, थाउजेंड लाइट्स, बेगलुरू के मजेस्टिक और कानपुर के भी कुछ स्टेशन अंडर ग्राउंड हैं।
मजबूत बेसमेंट भी हैं सुरक्षित
दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद सहित कई शहरों के शॉपिंग मॉल्स के बेसमेंट काफी मजबूत हैं। इसमें मोटी कंक्रीट की छत हैं। जो मलबे और विकिरण से सुरक्षित रख सकती हैं।
प्राकृतिक गुफाएं और सैन्य बंकर
कुछ गुफाएं जैसे अरावली की पहाड़ियां, जम्मू-कश्मीर की गुफाएं आदि भी प्राकृतिक सुरक्षा प्रदान करती हैं। इसके साथ ही शहरों के कैंट इलाकों में कुछ सैन्य बंकर भी हैं, जहां युद्ध के समय आश्रय लिया जा सकता है।
क्यों हैं सुरक्षित?
भूमिगत बनीं ये जगहें करीब 15 से 30 मीटर जमीन के अंदर हैं। इसके साथ ही 1 से 2 मीटर कंक्रीट से इनकी छतों को बनाया गया है। अमेरिकी आपदा प्रबंधन एजेंसी (FEMA) और परमाणु भौतिकी के अध्ययनों के अनुसार, 10-20 फीट गहरी संरचनाएं परमाणु विस्फोट के तात्कालिक प्रभावों (विकिरण, ताप, दबाव) से बचाती हैं। भारत के मेट्रो स्टेशन भूकंपरोधी मानकों (IS 1893) का पालन करते हैं, जो संरचनात्मक मजबूती सुनिश्चित करता है।