RSS on Caste System post Anurag Thakur and Rahul Gandhi Controversy: संसद के मानसून सत्र में बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी से उनकी जाति पूछी, तो सियासी खेमों में हलचल मच गई। सत्तापक्ष से लेकर विपक्ष के पलटवार ने जमकर सुर्खियां बटोरीं। इसी के साथ जातीय जनगणना एक बार फिर चर्चा में आ गई। जहां एक तरफ विपक्ष जातीय जनगणना करवाने पर अड़ा है तो दूसरी तरफ सत्तारूढ़ दल इसके सख्त खिलाफ है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भी इस मामले पर अपना पक्ष रखते हुए जाति व्यवस्था को देश की एकता का सबसे बड़ा कारण बताया है।
पंचजन्य में प्रकाशित लेख
RSS की साप्ताहिक पत्रिका पांचजन्य में जाति प्रथा को लेकर कई बाते लिखीं हैं। इसके अनुसार जाति व्यवस्था भारतीय समाज की एकता का सबसे बड़ा फैक्टर है। इसे मुगल भी नहीं समझ सके। वहीं जब अंग्रेजों ने देश पर कब्जा करने की कोशिश की तो जाति व्यवस्था ही उनके रास्ते का सबसे बड़ा रोड़ा बनकर उभरी थी।
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जाति व्यवस्था पर क्या बोले लेखक
पंचजन्य में लिखे अपने लेख में हितेश शंकर ने कहा कि जाति व्यवस्था एक चेन की तरह है, जिसने सालों से देश के अलग-अलग तब्कों को एक-साथ जोड़े रखा है। औद्योगिक क्रांति के बाद पूंजीवादियों के लिए जाति प्रथा ही सबसे बड़ी समस्या थी। यह हमेशा से आक्रमणकारियों के निशाने पर रही। मुगलों ने तलवार के दम पर जाति व्यवस्था से जीतने की कोशिश की। मगर वो नाकाम रहे। भारतीय किसी भी परिस्थिति में अपनी जाति को धोखा नहीं देते। उनके लिए जाति को धोखा देने का मतलब देश के साथ गद्दारी करने के बराबर है। अगर कोई भारत को तोड़ना चाहेगा तो सबसे पहले जाति व्यवस्था को तोड़ना पड़ेगा। हितेश शंकर के अनुसार अंग्रेज भी इस जाति व्यवस्था को समझ गए थे। यही वजह है कि उन्होंने भारत पर कब्जा करने के लिए ‘तोड़ो और राज करो’ की नीति अपनाई।
जाति से नफरत, आरक्षण से प्यार
बता दें कि RSS चीफ मोहन भागवत कई बार जाति प्रथा के खिलाफ बयान दे चुके हैं। उनका मानना है कि जाति व्यवस्था भारतीय समाज से खत्म हो जानी चाहिए। RSS के सदस्य गर्व के साथ कहते हैं कि वो अपने साथियों से उनकी जाति नहीं पूछते हैं। हालांकि RSS आरक्षण को भी पूरा समर्थन देता है। पिछले साल मोहन भागवत ने आरक्षण पर बात करते हुए कहा था कि छोटी जातियों के साथ पिछले 2000 सालों से अनन्याय हो रहा है। इसकी भरपाई करने के लिए कम से कम 200 सालों तक आरक्षण जारी रखना चाहिए।
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