चंकी वाजपेयी, इंदौर
रोड एक्सीडेंट के केस में कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अदालत ने सड़क हादसे के एक मामले में इनकम टैक्स रिटर्न को मुआवजे का आधार माना है और पीड़ित परिवार को ब्याज समेत करीब 1 करोड़ रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। अदालत ने अपने फैसले में इंश्योरेंस कंपनी को मुआवजे की रकम आदेश के एक महीने में देने का निर्देश जारी किया है।
दरअसल, ये पूरा मामला मध्य प्रदेश के इंदौर का है। यहां जिला कोर्ट में एक याचिका दायर की गई। याचिका के अनुसार 1 अगस्त 2022 को जिले में एक सड़क हादसा हुआ। इस हादसे में स्कूटी सवार पंकज चावला और उनके दोस्त धमेंद्र को बस ने टक्कर मारी दी।
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22 दिन अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझते हुए हुई थी सीमेंट कारोबारी की मौत
हादसे में दोनों घायल हुए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। पंकज की हालत गंभीर थी, उन्हें काफी अधिक चोटें आई थी। इलाज के दौरान जिंदगी और मौत से जूझते हुए 22 अगस्त 2022 को पंकज चावला की मौत हो गई। इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए अधिवक्ता राजेश खंडेलवाल ने बताया कि पंकज सीमेंट कारोबारी थे। जिला अदालत में ट्रक चालक, ट्रक मालिक और द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी के खिलाफ 5 करोड़ रुपये मुआवजा देने की याचिका दायर की गई।
कोर्ट ने माना, 4 सालों से करोबारी टैक्स भर रहा था जो मुआवजे का मजबूत आधार
कोर्ट ने याचिकाकर्ता और इंश्योरेंस कंपनी समेत सभी पक्षों को सुना। तकरीबन 3 साल सुनवाई के बाद हाल ही में अपना फैसला सुनाया है। अदालत ने अपने इस ऐतिहासिक फैसले में मृतक द्वारा भरे इनकम टैक्स रिटर्न को मुआवजा देने का आधार माना है। अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा कि पिछले 4 सालों से करोबारी लगातार इनकम टैक्स रिटर्न भर रहा था, जो केस में मुआवजे के लिए एक मजबूत आधार है।
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अदालत ने पीड़ित परिवार और इंश्योरेंस कंपनी को सुनने के बाद दिया अपना फैसला
अदालत ने कहा कि इंश्योरेंस कंपनी पीड़ित परिवार को मुआवजे की राशि ब्याज समेत कुल 1.11 करोड़ रुपये दे। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि कंपनी को मुआवजे की ये राशि एक माह के भीतर देनी होगी। अधिवक्ता राजेश खंडेलवाल ने बताया कि माननीय न्यायालय में केस से संबंधित तमाम सबूत रखे गए थे। जिसके बाद अदालत ने अपना निर्णय सुनाया है।
हर शख्स भरे अपना इनकम टैक्स रिटर्न, इन कामों में मिलेगा फायदा
अधिवक्ता ने कहा कि मृतक द्वारा आयकर रिटर्न भरना केस में मुआवजे का मुख्य आधार बना है। हादसे के समय मृतक की उम्र 36 साल थी। अदालत ने कहा कि मृतक हादसे से पहले 4 साल से इनकम टैक्स जमा कर रहे थे और इस आधार पर उनके भविष्य की इनकम को आधार मानते हुए ये फैसला सुनाया गया है। अधिवक्ता का कहना है कि प्रत्येक छोटे-बड़े व्यक्ति को अपनी इनकम टैक्स रिटर्न भरनी चाहिए, इससे लोन, टैक्स में छूट, मुआवजा आदि मिलने में आसानी होती है।
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