सुप्रीम कोर्ट: आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को EWS आरक्षण फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है। यह याचिका मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने दाखिल की है। इससे पहले शीर्ष अदालत की पांच जजों की संविधान पीठ ने 3 बनाम 2 के बहुमत से EWS आरक्षण को संवैधानिक करार दिया था।
Review petition filed in the Supreme Court against judgement upholding Centre's decision on EWS issues by a Madhya Pradesh Congress leader https://t.co/wpGxqIkMyU
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) November 23, 2022
दरअसल, EWS कोटे में सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण आर्थिक आधार पर मिला हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर को अपने फैसले में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण को बरकरार रखा था। अदालत के इसी निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया है। इससे पहले चीफ जस्टिस यूयू ललित के नेतृत्व में 5 जजों की संविधान पीठ ने इस मामले में सुनवाई की थी। सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस रवींद्र भट्ट ने EWS कोटा के खिलाफ अपनी राय रखी थी। जबकि बाकी तीन जजों ने कहा था कि यह संशोधन संविधान की मूल भावना के खिलाफ नहीं है।
गौरतलब है जनवरी, 2019 में विधेयक निचले और उच्च सदनों दोनों द्वारा पारित किया गया था। तब तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने इस पर हस्ताक्षर किए थे। ईडब्ल्यूएस कोटा एससी, एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए मौजूदा 50 प्रतिशत आरक्षण से अधिक है।