Rentals Security Deposit Refund Problems: किराये में बढ़ोत्तरी और सिक्योरिटी डिपॉजिट की समस्या कई किरायेदारों के लिए मुश्किल का सबब बन जाती है। मकानमालिक अक्सर मनमानी तरीके से सिक्योरिटी डिपॉजिट की मांग करते हैं। वहीं घर छोड़ने पर भी मकान मालिक सिक्योरिटी वापस देने में आनाकानी करने लगते हैं और भारी कटौती के बाद ही सिक्योरिटी वापस करते हैं।
किरायेदार की आपबीती
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भी यह समस्याएं धड़ल्ले से देखने को मिलती हैं। बेंगलुरु में रहने वाले एक किरायेदार ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। किरायेदार का कहना है कि माकन मालिक ने 3.5 लाख का सिक्योरिटी डिपॉजिट वापस देने से इनकार कर दिया है। मकान मालिक ने 2 हफ्ते के भीतर यह राशि देने का वादा किया था, लेकिन अब फोन उठाना ही बंद कर दिया है।
यह भी पढ़ें- नहीं लग रहा वीजा तो भारत के इन मंदिरों में मांगें मन्नत, विदेश जाने की इच्छा पूरी करेंगे भगवान!
रिफंड न मिलने पर क्या करें?
नोब्रोकर के सीईओ अमित अग्रवाल का कहना है कि घर किराये पर लेते समय अपार्टमेंट में मौजूद सभी चीजों अच्छी तरह से जांच लें और समझौता पर हस्ताक्षर करने से पहले उसे ध्यान से पढ़ लें। कर्नाटक हाईकोर्ट की वकील प्रियंका क्वात्रा का कहना है कि मकान मालिक अक्सर भारी सिक्योरिटी रााशि जमा करवा लेते हैं और ज्यादातर लोग कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद यह राशि वापस नहीं करते हैं। मकान मालिक अक्सर रिफंड के दौरान मनमाने तरीके से सिक्योरिटी डिपॉजिट काट लेते हैं। ऐसे में किरायेदार कानून का सहारा लेकर मकान मालिक पर शिकंजा कस सकते हैं और फिर अदालत के बाहर मामले को सुलझा सकते हैं।
अपार्टमेंट की फोटो-वीडियो रखें
कर्नाटक हाईकोर्ट के वकील श्रीनिवास जी का कहना है कि किसी भी किरायेदार को नए अपार्टमेंट में जाने से पहले सभी कमरों की फोटो या वीडियो ले लेनी चाहिए। ऐसे में अगर मकान मालिक मरम्मत या संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के नाम पर पैसे काटता है, तो यह फोटो और वीडियो उसके खिलाफ सबूत का काम कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें- Maha Kumbh के लिए इस पाकिस्तानी को मिला वीजा, 30 लाख हिंदुओं की जगी उम्मीद
कहां करें शिकायत?
अब सवाल ये है कि मकान मालिकों के खिलाफ एक्शन कैसे लिया जाए? किरायेदारों को अपार्टमेंट एसोसिएशन में सूचित करना चाहिए या फिर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के पास शिकायत करनी चाहिए। उनके पास मकान मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार होता है। वहीं किरायेदार निचली अदालतों का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं। इससे समझौते पर रोक लग जाती है और सिक्योरिटी डिपॉजिट वापस न करने तक मकान मालिक उस घर को किराये पर नहीं उठा सकता है।
पुलिस की मदद लें
श्रीनिवास के अनुसार किरायेदार पुलिस से संपर्क कर सकते हैं। इस तरह के आपराधिक और धोखाधड़ी वाले मामलों में पुलिस की भागीदारी बेहद अहम मानी जाती है। मकान मालिक के द्वारा सिक्योरिटी डिपॉजिट वापस न करना एक प्रकार का दीवानी मामला है। इसलिए अदालत में दीवानी मुकदमा दायर करके मकान मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
यह भी पढ़ें- ट्रांसफर या इस्तीफा… तिरुपति मंदिर में काम कर रहे 18 गैर हिंदू कर्मचारियों पर गिरी गाज, जानें वजह