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कौन हैं मोहिनी मोहन दत्ता? जिन्हें टाटा की वसीयत से मिलेंगे 588 करोड़ रुपये, मानी शर्तें

रतन टाटा की वसीयत से एक बड़ी चौंकाने वाली बात सामने आई है। अपनी करोड़ों की संपत्ति में उन्होंने परिवार के अलावा सिर्फ एक ही पुराने सहयोगी को बड़ा हिस्सा दिया है। आइए जानते हैं कौन हैं वो खास शख्स और उनके बीच कैसे बनी इतनी गहरी दोस्ती।

Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: May 19, 2025 17:34
Ratan Tata Will Mohini Mohan Dutta
Ratan Tata Will Mohini Mohan Dutta

देश के सबसे सम्मानित उद्योगपतियों में से एक, रतन टाटा की वसीयत से एक हैरान करने वाली बात सामने आई है। उनकी 3,900 करोड़ रुपये की संपत्ति में से एक बड़ा हिस्सा उन्होंने अपने परिवार के किसी सदस्य को नहीं, बल्कि एक पुराने सहयोगी को दिया है। ताज होटल्स ग्रुप के पूर्व डायरेक्टर मोहिनी मोहन दत्ता को रतन टाटा ने अपनी वसीयत में शामिल किया है। उन्हें करीब 588 करोड़ रुपये की संपत्ति मिलेगी। आइए जानते हैं कैसे एक 13 साल के लड़के और टाटा के बीच शुरू हुई दोस्ती इतनी गहराई तक पहुंच गई।

परिवार से बाहर सिर्फ एक व्यक्ति को मिला हिस्सा

दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा की वसीयत में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा की वसीयत में उनके परिवार के अलावा सिर्फ एक व्यक्ति को संपत्ति में हिस्सा दिया गया है मोहिनी मोहन दत्ता। ये ताज होटल ग्रुप के पूर्व डायरेक्टर रह चुके हैं। उन्हें रतन टाटा की वसीयत में ‘रेजीडुअल एस्टेट’ का एक तिहाई हिस्सा मिलेगा, जिसकी कुल अनुमानित कीमत 1,764 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस हिसाब से मोहिनी मोहन दत्ता को करीब 588 करोड़ रुपये मिलेंगे। शुरू में उन्होंने वसीयत की शर्तों पर आपत्ति जताई थी, लेकिन अब उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है। इससे वसीयत को लागू करने की प्रक्रिया तेज हो गई है।

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मोहिनी मोहन दत्ता ने अब मान ली वसीयत की शर्तें

रतन टाटा की इस वसीयत में कुल 24 लाभार्थी हैं, जिनमें से मोहिनी मोहन दत्ता अकेले ऐसे व्यक्ति हैं जो परिवार से बाहर के हैं। बाकी लाभार्थियों में उनकी सौतेली बहनें दीना जीजीभॉय और शिरीन जीजीभॉय प्रमुख हैं। वसीयत में साफ लिखा गया है कि जो व्यक्ति वसीयत को चुनौती देगा, वह अपने सारे अधिकार खो देगा। इसी नियम को देखते हुए मोहिनी मोहन दत्ता ने बाद में वसीयत की शर्तों को स्वीकार कर लिया। वसीयत के अनुसार, मोहिनी मोहन दत्ता को मिलने वाले 588 करोड़ रुपये पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, क्योंकि भारतीय कानून के अनुसार वसीयत में मिली संपत्ति टैक्स फ्री होती है।

रतन टाटा और मोहिनी मोहन दत्ता की पुरानी दोस्ती

मोहिनी मोहन दत्ता और रतन टाटा की मुलाकात बहुत पहले जमशेदपुर में हुई थी। उस समय रतन टाटा की उम्र 25 साल और मोहिनी मोहन दत्ता सिर्फ 13 साल के थे। दोनों के बीच एक गहरा रिश्ता बन गया था। बाद में रतन टाटा ने मोहिनी मोहन दत्ता को मुंबई बुलाकर एक ट्रैवल एजेंसी खोलने में मदद की। यह एजेंसी बाद में टाटा कैपिटल्स में विलय हो गई और ताज ग्रुप का कामकाज भी यही एजेंसी देखने लगी। साल 2019 तक मोहिनी मोहन दत्ता ताज ग्रुप के डायरेक्टर पद पर रहे। बाद में इस एजेंसी को थॉमस कुक को बेच दिया गया। इसके अलावा मोहिनी मोहन दत्ता के पास टाटा कैपिटल के एक लाख से ज्यादा शेयर भी हैं, जिनकी कीमत 10 करोड़ रुपये से अधिक बताई जाती है।

वसीयत में शामिल है नकदी, आर्टिफैक्ट्स और शेयर

रतन टाटा की वसीयत में दी गई संपत्ति में बैंक डिपॉजिट, विदेशी मुद्रा, कीमती क्रिस्टल, आर्टिफैक्ट्स और नकदी शामिल हैं। इनमें से एक तिहाई हिस्सा मोहिनी मोहन दत्ता को मिलेगा, जबकि बाकी संपत्ति टाटा की सौतेली बहनों को जाएगी। इन बहनों को वसीयत की निष्पादक (executor) भी बनाया गया है। पहले मोहिनी मोहन दत्ता ने वसीयत की शर्तों और संपत्ति के मूल्य पर सवाल उठाए थे, जिससे मामला कोर्ट तक पहुंचा। कोर्ट ने सभी पक्षों को समन भेजकर जवाब मांगा था। लेकिन अब जब मोहिनी मोहन दत्ता ने वसीयत की सभी शर्तें स्वीकार कर ली हैं, तो कानूनी प्रक्रिया बिना अड़चन के पूरी हो पाएगी।

First published on: May 19, 2025 02:58 PM

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