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राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा-केंद्र भारतीय संविधान के अनुच्छेद 355 और 356 को कायम रखने में विफल

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 355 और 356 को बनाए रखने में विफलता के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मणिपुर की स्थिति पर […]

Author Edited By : Amit Kasana Updated: Jul 24, 2023 16:15
Raghav Chadha, Manipur, BJP, AAP, Rajya Sabha, Lok Sabha
राघव चड्ढा

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 355 और 356 को बनाए रखने में विफलता के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मणिपुर की स्थिति पर ध्यान देने और यह बताने की मांग करता है कि राज्य को अशांति का सामना क्यों करना पड़ रहा है।

मणिपुर स्पष्ट रूप से आंतरिक अशांति का अनुभव कर रहा है

सांसद ने मणिपुर में राज्य और केंद्र सरकार की विफलताओं पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत व्यापार निलंबन नोटिस भी दिया। राघव चड्ढा ने कहा, “संविधान के अनुच्छेद 355 के अनुसार, राज्यों में शांति सुनिश्चित करना और उन्हें बाहरी आक्रमण व आंतरिक अशांति दोनों से बचाना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। आज मणिपुर स्पष्ट रूप से आंतरिक अशांति का अनुभव कर रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार इस दायित्व को पूरा करने में विफल रही है।”

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मणिपुर की गंभीर स्थिति के बारे में बारे में चिंता जताई

राघव चड्ढा ने भाजपा सरकार को अनुच्छेद 356 की भी याद दिलाई, जिसमें कहा गया है कि यदि राज्यपाल किसी राज्य में कानून-व्यवस्था और संवैधानिक मशीनरी के खराब होने की रिपोर्ट करते हैं, तो केंद्र और राष्ट्रपति को कार्रवाई करनी चाहिए और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए। उन्होंने बताया कि मणिपुर के राज्यपाल विभिन्न मीडिया आउटलेट्स के माध्यम से राज्य की गंभीर स्थिति के बारे में बार-बार चिंता जताते रहे हैं। हजारों लोग बेघर हो गए हैं और सैकड़ों लोगों की जान चली गई है। इसके बावजूद केंद्र सरकार ने कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं की है।

राज्य के कल्याण के बजाय अपने राजनीतिक हितों को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया

राज्यसभा सांसद ने भाजपा पर लोगों और राज्य के कल्याण के बजाय अपने राजनीतिक हितों को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया और सवाल किया कि अगर मणिपुर में गैर-भाजपा सरकार होती तो क्या केंद्र इस तरीके से कार्य करता? उन्होंने इस बात पर आश्चर्य और चिंता व्यक्त की कि मणिपुर में जारी तबाही के बावजूद राष्ट्रपति शासन नहीं लगाया गया है, जिससे पता चलता है कि राज्य में सत्ता बरकरार रखने की भाजपा की इच्छा लोगों की पीड़ा पर भारी पड़ रही है।

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उचित कार्रवाई करने करने के लिए विरोध प्रदर्शन करेंगे

राज्यसभा सांसद ने कहा कि विभिन्न विपक्षी नेताओं ने मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए सदन में कामकाज के निलंबन के लिए नियम 267 के तहत एक नोटिस प्रस्तुत किया है। वे मणिपुर के लोगों की दुर्दशा पर भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का ध्यान आकर्षित करने और उचित कार्रवाई करने करने के लिए विरोध प्रदर्शन करेंगे।

First published on: Jul 24, 2023 04:15 PM

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